अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) का विवादों से पुराना नाता रहा है। इस एएमयू अपने एक प्रोफ़ेसर के कारण एक बार फिर से विवादों में फंस गई है। दरअसल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का पाकिस्तान प्रेम जाग गया और वह बिना वाइस चांसलर की अनुमति के ही पाकिस्तान चले गए, जिसके बाद पूरे मामले पर कार्यवाही करते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है और इसके साथ एक क्लर्क को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक, अरबी विभाग में काम करने वाले प्रोफेसर अबु सुफियान इस्लाही ने कुछ दिनों पहले यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की अनुमति बिना लिए पाकिस्तान की यात्रा की थी। वह पाकिस्तान जाकर लौट आए लेकिन किसी को भी इसकी खबर नहीं लगी लेकिन कुछ दिनों बाद यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को किसी के बिना अनुमति के विदेश जाने खबर लगी तो जांच के दौरान पूरा मामला सामने आ गया। मामला संज्ञान में आते ही वाइस चांसलर ने कार्यवाही करते हुए प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस और एक क्लर्क को ससपेंड कर दिया।

क्लर्क को पाया गया दोषी: पूरे मामले में क्लर्क हसमत पर आरोप है कि उसने अवकाश और एनओसी की फाइल को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने में देर की, जिस कारण इस मामले का खुलासा देरी से हो पाया और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।

मामला दबा रहा है एएमयू प्रशासन: पूर्व मंत्री ठाकुर रघुराज सिंह ने एएमयू प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। इसके साथ उन्होंने कहा के प्रोफेसर अबू सुफियान के संबंध आतंकवादियों से हैं और पूरे मामले की केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की।

पाकिस्तान जाने के लिए किया था आवेदन: जानकारी के मुताबिक प्रोफेसर अबु ने करीब डेढ़ महीने पहले रजिस्ट्रार के पास पाकिस्तान जाने के लिए आवेदन किया था, उन्हें किसी कारण से उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। फिर यूनिवर्सिटी प्रशासन के नियमों को नजरअंदाज करते हुए वह पाकिस्तान चले गए। बता दें, एएमयू प्रशासन के नियमों के मुताबिक यदि किसी भी प्रोफेसर को विदेश जाना होता है तो उसे यूनिवर्सिटी प्रशासन से इजाजत लेनी होती है।