उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिले के भादीवर गांव में प्राइमरी स्कूल के छात्रों को स्कूल में क्लास लेने की जगह बाहर ठंड में पढ़ने को मजबूर होना पड़ा। खबर के मुताबिक यहां आंदोलनकारी किसानों ने आवास पशुओं को स्कूल परिसर में बंद कर दिया। मामले में स्कूल प्रिंसिपल कमलेश सिंह ने बताया कि सुबह 9 बजे जब वह स्कूल पहुंचे तब उन्हें इसकी जानकारी मिली। प्रिंसिपल के मुताबिक शंकरगढ़ विकास ब्लॉक में स्थित स्कूल परिसर में करीब 100 आवारा पशुओं को बंद कर रखा था। उन्होंने कहा, ‘स्कूल में सुबह दस बजे पढ़ाई शुरू हो जाती है। मगर स्कूल का दरवाजा बंद था और दो दर्जन से ज्यादा आंदोलनकारी किसान हथियारों और छड़ियों के साथ स्कूल गेट के बाहर खड़े थे। करीब-करीब चालीस छात्र स्कूल परिसर के बाहर बैठे थे। आंदोलनकारी किसान इसके पक्ष में नहीं थे कि स्कूल का दरवाजा खोला जाए।’
मामले में बारा के एसडीएम डीएस पाठक ने बताया कि बीते कई महीनों से अवारा पशुओं द्वारा फसल बर्बाद होने से किसान खासे नाराज थे। उन्होंने कहा, ‘हमने दोपहर 1:30 स्कूल परिसर खाली करवा दिया। इसके अलावा ऐसा दोबारा ना हो इसके लिए उचित उपाय किए जाएंगे।’ हिंदुस्तान अखबार के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक भादीवर गांव और इसके आसपास के निवासी पिछले कुछ महीने ने अवारा पशुओं की वजह से हो रहे नुकसान से परेशान हैं। तहसील अधिकारियों के समक्ष इस मामले को उठाने के बाद भी जब कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने करीब 100 गायों को स्कूल परिसर में बंद कर दिया।
वहीं मामले में जब जिला न्यायधीश सुहास एलवाई से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पशुओं को स्कूल परिसर में बंद किया उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। जानना चाहिए यह घटना राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के उस बयान के कुछ दिनों बाद आई जब उन्होंने सभी जिला न्यायधीशों को निर्देश दिया कि किसानों को अवारा पशुओं की वजह से कोई परेशानी ना हो। सीएम ने इसके अलावा 10 जनवरी तक सभी पशुओं को गो संरक्षण केंद्र शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे।