सावन का महीना चालू है और देशभर में कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है। वहीं उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में स्कूल के टीचर्स को कांवड़ सेवा की जिम्मेदारी दी गई है। लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर गोला स्थित है और यहां पर भगवन शिव का एक प्राचीन मंदिर है। सावन के महीने में कांवड़ियों के पहुंचने और मेला लगने के कारण यहां काफी भीड़ होती है।

लखीमपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 15 जुलाई को एक आदेश जारी किया, जिसमे यह कहा गया कि गोला में मंदिर के 3 किलोमीटर के अन्दर पड़ने वाले करीब 16 स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी कांवड़ सेवा की होगी। इन 16 स्कूलों में 82 टीचर्स पढ़ाने का कार्य करते हैं। जबकि पिछले 10 सालों से यहां प्रत्येक सोमवार को भारी भीड़ की वजह से छुट्टी रहती थी।

बेसिक शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीकान्त पाण्डेय ने यह आदेश जारी किया है। आदेश में लिखा है कि 18 जुलाई, 25 जुलाई, 1 अगस्त और 8 अगस्त को सभी टीचर्स मंदिर पर रहेंगे और कांवड़ियों की सेवा करेंगे ताकि किसी भी श्रद्धालु को कोई दिक्कत न आए। टीचर्स कांवड़ियों का पूरा ख्याल रखेंगे और अगर कोई रास्ता भटकता है तो उसे रास्ता भी बताएँगे और उनकी सुरक्षा भी देखेंगे। आदेश में यह भी लिखा है कि किस टीचर की किस मंदिर में ड्यूटी लगी हुई है।

यूट्यूब चैनल यूपी तक ने इस आदेश को लेकर टीचर्स से बात कि तो उन्होंने कहा कि उनके पास कोई ऐसा अनुभव नहीं है कि वह कांवड़ियों की सुरक्षा देंखे। वहीं लखीमपुर के बीएसए ने सफाई देते हुए कहा है कि यह आदेश स्वैच्छिक है और जो करना चाहता है, वही इसका पालन करे।

इससे पहले इसी वर्ष अप्रैल महीने में मैनपुरी के सीडीओ का एक आदेश पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था, जिसमें उन्होंने गोवंश पकड़े जाने को लेकर अभियान चलाने की बात कही थी। उन्होंने आदेश दिया था कि समस्त खंड शिक्षा अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोवंश को पकड़े जाने में सहयोग देंगे। सोशल मीडिया पर ये पत्र काफी वायरल हुआ था और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने भी इसकी आलोचना की थी।