अपने जीवन में कई नामी-गिरामी हस्तियों के चित्र बना चुके विनय कुमार साहू पिछले तीन महीने से अपने खून से पत्र लिखकर पीएम नरेंद्र मोदी से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं। इतने समय से पत्र भेजने के बाद भी विनय को पीएमओ की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। बुंदेलखंड क्षेत्र के कर्वी कस्बे के रहने वाले विनय अभी 28 साल के हैं। वह काफी समय से लिवर की बीमारी की चपेट में है। विनय ने कई जगहों पर इलाज कराया लेकिन वह ठीक नहीं हो पाए। डॉकटरों का कहना है कि विनय अब तभी ठीक होंगे जब उनका लिवर ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा। आपको बता दें कि बुंदेलखंड में विनय कई बच्चों को मुफ्त में चित्रकारी के गुर सिखा रहे हैं। विनय चाहते हैं कि उनके शहर से और भी कई चित्रकार उभर कर सामने आएं और अपने शहर का नाम रौशन करें।
विनय ने बहुत ही कम उम्र में कई बड़े दिग्गजों के चित्र बनाकर वाह-वाही लूटी लेकिन अब वह गुमनामी के साये में है। उनको देखने वाला कोई नहीं है। खून से पत्र लिखने के साथ-साथ विनय ने पीएम मोदी की कई तस्वीरें बनाई जिनमें से कुछ तस्वीरें उन्होंने अपने पत्र के साथ पीएम को भेजीं लेकिन वहां से विनय को अभीतक कोई जवाब नहीं मिला है।
इस मामले में विनय ने कहा कि वह मरते दम तक पीएम मोदी को पत्र लिखते रहेंगे क्योंकि मोदी जी हमेशा आम जनता से उनतक पहुंचने की बात करते हैं लेकिन जब मैं उनतक पहुंचना चाह रहा हूं तो मुझे कोई जवाब ही नहीं दिया जा रहा है। पीएम मोदी को पत्र लिखने से पहले विनय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी पत्र लिखा था लेकिन वहां से भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। विनय ने बताया कि उनके लिवर ट्रांसप्लांट में करीब 35 से 40 लाख रुपए का खर्चा आएगा लेकिन उसके पास इतना पैसा नहीं है कि वह अपना इलाज करा सके। विनय का कहना है कि वह सिर्फ अपनी बीमारी को लेकर पीएम मोदी से नहीं मिलना चाहते। वह चाहते है कि उनके शहर बुंदेलखंड में भी एम्स खुलवाया जाए जिससे कि यहां के लोगों को यहीं पर इलाज कराने की हर प्रकार की सुविधा मिल सके और उन्हें इलाज के लिए किसी और शहर न जाना पड़े।