उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अंबेडकर की मूर्ति हटाने को लेकर भड़की हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जिले के एक गांव में मंगलवार देर शाम एक संपत्ति पर कथित रूप से अवैध रूप से स्थापित बीआर अंबेडकर की मूर्ति को हटाने को लेकर भड़की हिंसा में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए और कम से कम 6 पुलिस वाहन जला दिए गए। यह घटना अलीगढ़ के भीमपुरा-इब्राहिमपुर गांव में हुई।

अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने पुलिस टीम पर पथराव किया और पुलिस की जीप और बाइक में आग लगा दी। पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं, आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ पर लाठीचार्ज किया। पुलिस ने बताया कि मंगलवार देर रात रोरावर थाने में FIR दर्ज की गई और ग्राम प्रधान आशा लोधी, उनके पति निर्देश लोधी और पूर्व ग्राम प्रधान चतरपाल समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस टीम पर हमला करने और आगजनी करने के आरोप में अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज

पुलिस ने बताया कि पुलिस टीम पर हमला करने और आगजनी करने के आरोप में 14 ज्ञात और 150-200 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संजीव सुमन ने कहा, “स्थिति अब नियंत्रण में है। शांति बनाए के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। हम मंगलवार की घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार करेंगे।”

अंबेडकर की मूर्ति हटाने पर छिड़ा विवाद

अलीगढ़ पुलिस ने बताया, “थाना रोरावर-ग्राम भीमपुर में परसों से एक विषय चल रहा था, ग्राम के लोगों ने ग्राम सभा की जमीन पर एक अंबेडकर जी की मूर्ति की स्थापनी की रातों रात की गयी, उससे पहले उस काम को थाने के द्वारा रुकवाया गया था, आधा बना हुआ था उसको रुकवाया गया था। उसके दो-तीन दिन उन लोगो के द्वारा रात में ही एक मूर्ति की स्थापना कर दी तब से ही प्रशासन और पुलिस लगातार बातचीत कर रही थी। तभी से पूरे दिन फोर्स मौके पर मौजूद रही है, अलग-अलग स्तर पर वार्ती की गयी।”

पढ़ें देशभर के मौसम का हाल

एसएसपी ने आगे लिखा, “आज उनका एक प्रतिनिधि मडल डीएम व एसएसपी से वार्ता करने गया था, इसमें नियम के तहत किसी भी ग्राम सभी की जमीन पर कोई भी निर्माण नही कर सकता है और मूर्ति की स्थापना भी नहीं की जा सकती है । जब दूसरे पक्ष से वार्ता की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि दूसरे पक्ष बघेल के द्वारा एक मन्दिर बनवाया जा रहा है, तत्काल मन्दिर की बाऊड्री को भी नही बनने दिया जायेगा और मूर्ति भी नही लगने दी जायेगी। दोनो पक्ष आज डीएम और एसएसपी से वार्ता करने के बाद मान गए थे।”

ग्राम प्रधान और पूर्व प्रधान को पुलिस हिरासत में ले लिया गया

पुलिस ने बताया, “ये लगभग दो दिन से चल रहा था, जब शाम को पुलिस मूर्ति को हटवाने के लिए गई तो उस वक्त महिलाओं और वहां पर मौजूद लोगों के द्वारा पथराव किया गया था और तीन-चार स्कूटियों में आगजनी की गई है। इसमें दो पुलिसकर्मियों को चोटे आई है, उनको उपचार हेतु भिजवा दिया गया है । अभी मूर्ति हटवा दी गई है, मौके पर पर्याप्त फोर्स मौजूद है, स्थिति पूर्ण नियंत्रण मे है । महज 15 मिनट की अव्यवस्था हुई थी । इसमें प्रधान और पूर्व प्रधान को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है । यह आमतौर पर ग्राम की राजनीति से प्रभावित घटना है । आने वाले चुनाव से प्रेरित है इसलिए हमने हिरासत मे लिया गया है।

यूपी में फिर बड़ा एनकाउंटर, 50 हजार का इनामी हुआ ढेर

डॉ अंबेडकर की मूर्ति ग्राम सभा की ज़मीन पर अवैध रूप से स्थापित की गई थी

एसएसपी सुमन ने कहा, “डॉ अंबेडकर की मूर्ति ग्राम सभा की ज़मीन पर अवैध रूप से स्थापित की गई थी। हमने स्थानीय लोगों से इसे हटाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया और इसके बजाय पुलिस पर हमला कर दिया। हमने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है और अन्य लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। ग्रामीण भाग गए हैं।”

पुलिस के अनुसार, गांव में ग्राम सभा के स्वामित्व वाले दो भूखंड खाली पड़े थे। पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने 25 जनवरी को एक भूखंड पर अंबेडकर की मूर्ति स्थापित की जबकि उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय, बघेल समुदाय के सदस्यों ने दूसरे भूखंड पर चारदीवारी खड़ी कर दी और दावा किया कि इसके अंदर एक मंदिर बनाया जाएगा।

अलीगढ़ के पुलिस अधीक्षक मृगांक शेखर पाठक ने कहा, “हमने आपसी बातचीत के ज़रिए इस विवादास्पद मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की जिसके बाद मंदिर के समर्थक सहमत हो गए। हमने चारदीवारी को गिरा दिया लेकिन मूर्ति का समर्थन करने वालों ने इसे हटाने से इनकार कर दिया। पुलिस द्वारा मूर्ति हटाए जाने के बाद वे पथराव और आगजनी में शामिल हो गए।” पढ़ें- उत्तर प्रदेश से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स