उत्तर प्रदेश में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की दर्द भरी दास्तान सामने आई है। शनिवार को उसने लखनऊ के एक अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था। डॉक्टरों ने बच्चे को स्वस्थ बताया है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन के सामने एक विचित्र समस्या पैदा हो गई है। पीड़िता और उसके परिजन ने बच्चे को घर ले जाने से इनकार कर दिया है। पीड़िता की मां ने कहा कि वह बच्चे को अपने पास नहीं रख सकती हैं, क्योंकि शर्म उन्हें जीने नहीं देगी। नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाला आरोपी जेल में बंद है। मामले की अदलाती कार्यवाही अभी तक शुरू नहीं हो सकी है।
जानकारी के मुताबिक, दुष्कर्म पीड़िता ने शनिवर को बच्चे को जन्म दिया था। डॉक्टरों ने जच्चा-बच्चा दोनों को स्वस्थ बताया है। पीड़िता अभी भी भयानक घटना को भुला नहीं सकी है। रविवार को नवजात को स्तनपान कराते हुए उसने कहा, ‘यह बच्चा मुझे हमेशा उस बीभत्स घटना की याद दिलाता रहेगा जिससे मैं गुजरी हूं। मुझे यह बच्चा नहीं चाहिए। मैं इसे अपने साथ नहीं रख सकती’ नाबालिक दुष्कर्म पीड़िता को सोमवार (1 जनवरी 2018) को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। पीड़िता मां ने बताया कि वह गरीब परिवार से हैं, ऐसे में पास-पड़ोस और समाज के शर्म को झेलना बहुत मुश्किल होगा। हमलोग इस बच्चे को साथ नहीं रख सकते हैं। चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सरिता सक्सेना ने कहा, ‘नवजात का जन्म शनिवार शाम 6:58 को हुआ था। बच्चे का वजन 2.3 किलोग्राम है और वह बिल्कुल स्वस्थ है। जच्चा-बच्चा को 48 घंटे तक निगरानी में रखने के बाद सोमवार (1 जनवरी 2018) उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी।’
क्या है मामला: दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों ने बताया कि घटना वाले दिन वह हैंडपंप से पानी भरकर ला रही थी। उसी वक्त पड़ोस के आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने डर से घटना के बारे में घर वालों को नहीं बताया था, लेकिन गर्भवती होने पर मामले का भेद खुला। इसके बाद पुलिस में इसकी शिकायद दी गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। पीड़िता के पिता की मौत हो चुकी है, जबकि मां निरक्षर हैं। पीड़िता का बड़ा भाई घर का एकमात्र कमाऊ व्यक्ति है।

