रामपुर की पूर्व सांसद जया प्रदा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। आचार सहिंता के उल्लंघन के दो मामलों में लगातार कोर्ट में गैरहाजिर रहने पर जया प्रदा को फरार घोषित कर दिया है। उत्तर प्रदेश के रामपुर की एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व सांसद जया प्रदा को कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर फरार घोषित कर दिया है। साथ ही उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं।
जया प्रदा की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी सीओ के नेतृत्व में टीम को दी गई है। एसपी को सीओ स्तर की टीम गठित कर जया प्रदा को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया है। इस टीम को 6 मार्च को पूर्व सांसद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करना होगा। इस मामले में अगली सुनवाई 6 मार्च 2024 को होगी।
आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में दो मामले
दरअसल, साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी रहीं जयप्रदा पर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में दो मामले रामपुर में दर्ज किए गए थे, जिनकी सुनवाई रामपुर की विशेष एमपी—एमएलए अदालत में हो रही है। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि जयप्रदा के विरुद्ध 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े दो मुकदमे कैमरी और स्वार थानों में दर्ज किये गये थे।
सात बार जारी किया गया गैर जमानती वारंट
अधिकारी ने बताया कि इन मामलों में विशेष एमपी—एमएलए अदालत ने कई बार समन जारी किया मगर पूर्व सांसद हाजिर नहीं हुईं। उनके मुताबिक उसके बाद अलग-अलग तारीखों पर उनके खिलाफ सात बार गैर जमानती वारंट जारी किये गये लेकिन पुलिस उन्हें हाजिर नहीं कर सकी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अदालत में दाखिल अपने जवाब में कहा कि जयाप्रदा खुद को बचा रही हैं और उनके सभी ज्ञात मोबाइल नंबर भी बंद हैं।
अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि इस पर न्यायाधीश शोभित बंसल ने कड़ा रुख अपनाते हुए जयप्रदा को फरार घोषित कर दिया। अदालत ने रामपुर के पुलिस अधीक्षक को आदेश भी दिया कि वह किसी पुलिस क्षेत्राधिकारी की अगुवाई में एक टीम गठित करें और जयप्रदा को गिरफ्तार कर सुनवाई की अगली तारीख छह मार्च को अदालत में हाजिर करें।