उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के चीफ डॉ.संजय निषाद ने अपने समर्थकों के बीच जमकर ठुमके लगाए। दरअसल, बुधवार (छह अप्रैल, 2022) को भगवान श्री राम के बाल सखा कहे जाने वाले निषाद राज की जयंती थी। उनकी पार्टी ने इस मौके पर संगम नगरी प्रयागराज (पहले इलाहाबाद) स्थित श्रृंगवेरपुर में गंगा के तट पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें हजारों की संख्या में पार्टी समर्थक और समुदाय के लोग जुटे थे।
डॉ.निषाद इस कार्यक्रम में डीजे की धुन पर नाचते दिखे। उन्होंने इस दौरान एक हिंदी चैनल से बातचीत के दौरान कहा- पिछली सरकारों ने इन्हें बेहोश कर रखा था। इनके इतिहास पर कब्जा कर के इनके हिस्से पर…मैं इन्हें होश में लाया और जोश में लाया। आज जोश में लाने के बाद जिस तरह 2022 में योगी जी को लाने के बाद आपने देखा कि रावण राज खत्म कर के पूरे देश में राम राज लाने के लिए हम संकल्पित हैं।
पत्रकार से उन्होंने आगे कहा- यहां कभी त्रेता युग में निषाद राज को भगवान राम ने गले लगाया था। उन्होंने दुनिया में मित्रता का इतिहास बनाया था। आज मोदी-योगी ने गले लगाया है और दुनिया में इतिहास है। मेरा समाज गौरवान्वित है। आज यहां पर्यटक स्थल घोषित है। 81 फुट की प्रतिमा लगाई जा रही है। पिछली सरकारों ने इनके सारे खजाने लूट लिए थे। आज विश्वास हो गया है कि जैसे मोदी-योगी ने हमें हिस्सेदार दी।
बकौल डॉ निषाद, “कभी भगवान राम की कैबिनेट में निषाद राज गए थे, तब राम राज आया था। आज मोदी जी ने अपनी कैबिनेट में निषाद राज के वंशज को जगह दी तो आज मेरा समाज गर्व से भरा हुआ है। हमारे मछुआरों की संख्या 18 फीसदी है। राम राज निश्चित रूप से आएगा।”
यह पूछे जाने पर कि लेकिन बीजेपी के लोग इस कार्यक्रम में नहीं शरीक हुए? उन्होंने जवाब दिया, “मूर्ति लग रही है। जिस दिन लग जाएगी, उस दिन मोदी भी आएंगे और योगी भी आएंगे…उनका वादा है।” उन्होंने आगे दावा किया- जो वकील अदालत से बाहर था, उसे कैबिनेट में रखकर भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा काम किया है। समय आने दीजिए, सारी मांगे पूरी हो जाएंगी। मेरा समाज मेरे साथ है।
रोचक बात यह है कि निषाद समुदाय मौजूदा समय में इस बात से गद-गद है कि इस बार की सरकार बनवाने में उन लोगों का बड़ा योगदान है। इस बीच, योगी सरकार की तरफ से अखबारों में एक विज्ञापन दिया गया, जिसमें राम के बाल सखा के रूप में निषाद राज को दिखाया गया। बता दें कि श्रृंगवेरपुर को निषाद राज की जन्मस्थली माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान श्री राम ने उन्हें इसी जगह पर गले लगाया था। निषाद राज ने प्रभु राम को गंगा नदी पार कराई थी।