उत्तर प्रदेश में एक एक्सप्रेस ट्रेन में मिले खाने के अंदर छिपकली मिली है। यह मामला यूपी के चंदौली का है। जिस युवक के खाने में छिपकली मिली वह पूर्वा एक्सप्रेस में सवार था। शख्स ने रेल मत्री सुरेश प्रभू को भी इस बारे में ट्वीट किया। इससे पहले कैग अपनी रिपोर्ट में रेलवे को बेकार बताकर कहकर साफ कर चुका है कि वहां मिलने वाला खाना खाने लायक नहीं है। कहा गया था कि खाना गंदे पानी से बनता है। सोशल मीडिया पर अब लोगों ने रेल मंत्री को घेर लिया है। लोग जवाब मांग रहे हैं।
बता दें संसद में 21 जुलाई को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने रेलवे द्वारा परोसे जाने वाले खाने को लेकर चौंका देने वाली रिपोर्ट पेश की थी। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया था कि रेलवे का खाना इंसानों के खाने लायक ही नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया था कि दूषित खाद्य पदार्थों, रिसाइकिल किया हुआ खाना और डब्बा बंद व बोतलबंद सामान का इस्तेमाल एक्सपाइरी डेट के बाद भी किया जाता है। 74 स्टेशनों और 80 ट्रेनों के निरीक्षण में सीएजी ने पाया कि खाना तैयार करने के दौरान सफाई पर जरा भी ध्यान नहीं दिया जाता। सीएजी ने यह खुलासा भी किया है कि कैसे खाना बनाने में साफ-सफाई पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया जाता। खाना या फिर ड्रिंक्स तैयार करने के लिए सीधे नल से अशुद्ध पानी का इस्तेमाल किया जाता है।
Chandauli (UP): Lizard found in food served to a passenger on-board Poorva Express; passenger had complained to Railway Minister on Twitter pic.twitter.com/J7jv4s25j7
— ANI UP (@ANINewsUP) July 26, 2017
निरीक्षण के दौरान कूड़ेदानों के ढक्कन गायब पाए गए और यह भी पता चला कि उनकी धुलाई का काम भी नियमित रूप से नहीं किया जाता। मक्खियां-कीड़ों से खाद्य पदार्थों के बचाव के लिए कोई कवर इस्तेमाल नहीं किया जाता। वहीं कुछ ट्रेनों में कॉकरोच और चूहे भी मिले। सीएजी ने ऑडिट में पाया है कि रेलवे की फूड पॉलिसी में लगातार बदलाव होने से यात्रियों को बहुत ज्यादा परेशानियां होती हैं।
इसके अलावा सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में सुपरफास्ट ट्रेनों के लेट होने को लेकर भी एक रिपोर्ट पेश की थी। सीएजी ने रिपोर्ट में बताया है कि ‘सुपरफास्ट’ सरचार्ज के नाम पर रेलवे ग्राहकों से करोड़ों रुपये वसूलती है, लेकिन कुछ सुपरफास्ट ट्रेन ऑपरेशन्स के दौरान 95% से ज्यादा बार लेट हुईं। नॉर्थ सेंट्रल रेलवे (NCR) और साउथ सेंट्र्ल रेलवे (SCR) ने ‘सुपरफास्ट’ सरचार्ज के नाम पर यात्रियों से 11.17 करोड़ रुपये वसूले, लेकिन यह सुपरफास्ट ट्रेनें 95% से ज्यादा बार लेट हुईं।
