डॉक्टरों की लिखावट पढ़ने में मरीजों को होने वाली परेशानियों पर अंतत: कान धरते हुए शहर की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने सभी डॉक्टरों को स्पष्ट निर्देश देते हुए सर्कुलर जारी किया है कि वे अब पर्चे पर दवाओं और जांच के नाम बड़े-बड़े तथा साफ अक्षरों में लिखें। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह ने मंगलवार ( 2 जुलाई) को ”भाषा” को बताया कि मरीज, फार्मेसिस्ट और दवाई के दुकानदारों की लगातार शिकायत रहती है कि उन्हें डॉक्टरों की लिखावट समझने में दिक्कत होती है। इस कारण कई बार दवाएं और जांच का नाम गलत पढ़ लिए जाने का भी डर होता है।
जारी किया गया सर्कुलरः प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह ने बताया कि इसे देखते हुए कि केजीएमयू के चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीके ओझा ने सभी विभागों के प्रमुख एवं चिकित्सकों को सकुर्लर जारी कर निर्देश दिया है सभी डॉक्टर मरीजों के पर्चे पर दवाओं और जांच का नाम बड़े-बड़े अक्षरों में और साफ-साफ लिखें ताकि उसे पढ़ने में किसी को दिक्कत ना आए।
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केंद्र सरकार करती है समय-समय पर आदेश जारीः सुधीर सिंह ने बताया कि इस सर्कुलर पर अमल शुरू हो गया है और केजीएमयू के डॉक्टरों ने अब पर्चे पर बड़े-बड़े और साफ अक्षरों (अंग्रेजी के कैपिटल लेटर्स) में लिखना शुरू कर दिया है। केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी प्रवक्ता डॉ संदीप तिवारी ने बताया कि वैसे इस बारे में केंद्र सरकार समय-समय पर आदेश जारी करती है और डॉक्टर उसपर अमल भी करते हैं। हमारी कोशिश होती है कि मरीज के पर्चे पर दवाओं क नाम स्पष्ट लिखा जाए ताकि फार्मेसिस्ट और अन्य मेडिकल कर्मियों को वह आसानी से समझ आ सके। डॉक्टर तिवारी ने बताया कि केजीएमयू प्रशासन के इस सर्कुलर से सभी रेजीडेंट डॉक्टरों को अवगत कराया जा चुका है।