इस साल कांवड़ियों द्वारा कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने की कई खबरें आयी हैं। अब उत्तर प्रदेश के बरेली से खबर आयी है कि कांवड़ आस्था शक्ति प्रदर्शन में तब्दील हो गई है। कल सावन का आखिरी सोमवार था इस दौरान कांवड़ जत्थों में शामिल कई युवाओं, बच्चों के हाथ में नंगी तलवारें दिखाई दीं। इतना ही नहीं कुछ कांवड़िए तो तमंचे लहराते भी दिखाई दिए। हैरानी की बात ये है कि इस दौरान प्रशासन पूरी तरह से मूक बना रहा। कुछ जगहों पर तमंचों से हवाई फायर करने की भी खबरें आयीं। हालांकि कई तमंचे इनमें नकली थे और आतिशबाजी करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे।
कांवड़ियों की भारी भीड़ के चलते कई जगह जाम की समस्या भी देखने को मिली। कांवड़ियों के लिए सड़क की एक साइड खाली रखने के बावजूद कुछ कांवड़िए सड़क के दूसरी तरफ भी चलते देखे गए। जिस कारण सड़कों पर वाहन रेंग-रेंगकर चलते दिखाई दिए। कांवड़ियों की भीड़ में कोई वाहन इधर-उधर से ना घुसे, इसके लिए अफसरों ने कड़े इंतजाम किए थे। कांवड़ियों के जत्थे के आगे-पीछे पुलिस चल रही थी। अमर उजाला की खबर के अनुसार, इस दौरान कांवड़िए जब शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे, तो पुलिस इसे नजरअंदाज करती नजर आयी। खास बात ये है कि प्रशासन के शीर्ष अफसर भी फील्ड में थे, लेकिन किसी ने भी कांवड़ियों को रोकने का प्रयास नहीं किया।
बरेली के डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह और एसएसपी मुनिराज जी. भी सड़कों पर उतरे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। जब कांवड़ियों द्वारा शक्ति प्रदर्शन के मुद्दे पर इनसे सवाल किया गया तो डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि आस्था का आयोजन था, मगर जत्थों में लोग तलवारें लेकर चल रहे थे। कुछ जगह पता लगा कि तमंचे भी लोगों के हाथों में थे। ऐसा नहीं होना चाहिए। इसकी जांच की जाएगी। वहीं एसएसपी मुनिराज का कहना है कि लोगों के सहयोग से सावन के सभी सोमवार शांतिपूर्ण तरीके से निकल गए। जिन्हें तमंचा बताया जा रहा है, वे पटाखा चलाने के लिए दिखावटी तमंचे थे।