सरकारी बंगले में तोड़फोड़ के आरोप झेल रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार (16 जून) को कहा कि वह अब मीडिया को अपने नए घर से दूर रखेंगे। अखिलेश यादव ने लखनऊ के सुलतानपुर रोड स्थित अंसल टाउनशिप में सुशांत गोल्फ सिटी के एक विला को अपना नया घर बनाया है। गृह प्रवेश की औपचारिकताओं और ईद-उल-फितर की जश्न के बाद अखिलेश यादव ने मौजूद पत्रकारों को ताना मारते हुए कहा कि वह मीडिया को कभी अपने घर में आमंत्रित नहीं करेंगे। पूर्व सीएम ने मीडिया से कहा, ”आप कहते कुछ हैं और दिखाते कुछ और हैं।” अखिलेश यादव ने इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के द्वारा चलाई जा रही ‘संपर्क फॉर समर्थन’ मुहिम पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी के इस कार्यक्रम के चलते योगी आदित्यनाथ कई प्रतिष्ठित लोगों से मिल चुके हैं और मोदी सरकार के चार वर्षों के काम के आधार पर उनका समर्थन मांगा है। अखिलेश यादव बोले, ”उन्होंने पिछले चार वर्षों में कुछ नहीं किया है… लोगों के दरवाजे खटखटाने के अलावा उनके पास अब विकल्प ही क्या है?”
अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार खोखले वादे करने और पूर्व की सरकार के द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं का उद्घाटन करने में व्यस्त थी। उन्होंने कहा कि काश वे उन कार्यों के लिए हमें कुछ श्रेय देते जिनके लिए वे फीते काट रहे हैं। बता दें कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी अखिलेश यादव पर उनके सरकारी बगले को लेकर आरोप लगाए हैं। विहिप ने आरोप लगाया है कि सरकारी बंगले की दीवारों के पीछे अवैध तरीके से कमाया गया धन छिपाया गया था। शुक्रवार को राज्य के बांदा में कानपुर प्रांत के गोरक्षा प्रमुख प्रभाकर सिंह चंदेल ने कहा, “अखिलेश यादव के जिस सरकारी बंगले की दीवारें और सीलिंग तोड़ी गई हैं, दरअसल उसके पीछे अवैध तरीके से कमाया गया धन छिपाया गया था।”
चंदेल ने कहा, “पिछली सरकार ने उत्तर प्रदेश में जो लूट-खसोट मचाई थी, उससे जमा अवैध धन बंगले की इन्हीं दीवारों के पीछे छिपाया गया था। दीवारों में रुपयों के बंडल, सोने की सिल्लियां और भारी मात्रा में हीरे-जवाहरात छिपाए गए थे। इतना ही नहीं, नलों की गायब टोटियां भी सोने की थीं, जिन्हें बाद में ले जाया गया है।”