देशभर में शारदीय नवरात्रों की शुरुआत हो चुकी है और इसके साथ ही जगह-जगह पर रामलीला का मंचन भी शुरु हो चुका है। रामलीला का मंचन हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है, यही वजह है कि आज भी इसमें लोगों की रुचि बरकरार है। उत्तर प्रदेश के इटावा में सरसई में आयोजित होने वाला रामलीला का मंचन तो भारत की गंगा जमुनी तहजीब का जीता-जागता उदाहरण है। यह रामलीला पिछले 32 सालों से आयोजित हो रही है। खास बात ये है कि इस रामलीला में भगवान शंकर की भूमिका निभाने वाला शख्स मुस्लिम है और उनका नाम है जहीरुद्दीन शाह।

जहीरुद्दीन शाह का कहना है कि उन्हें भगवान शंकर में मुहम्मत साहब दिखाई देते हैं। जहीरुद्दीन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “मैं नमाज और प्रार्थना दोनों करता हूं। मेरे घर में भगवान शंकर की प्रतिमा भी है। मैं लोगों को बताया हूं कि जैसे वो भगवान शंकर को देखते हैं, वहीं मुझे भगवान शंकर में मुहम्मद साहब दिखाई देते हैं। रास्ते भले ही अलग-अलग हों, लेकिन सभी धर्मों का रास्ता एक ही है।” गौरतलब है कि जिस कमेटी में जहीरुद्दीन रामलीला का मंचन करते हैं, उसमें 2 और मुस्लिम कलाकार रामलीला के विभिन्न किरदार निभाते हैं।

जहीरुद्दीन का मानना है कि जिस जीवन में कला का स्थान नहीं है वह जीवन अधूरा होता है। रामलीला में धर्म और अधर्म को दिखाया जाता है इसलिए मैंने रामलीला का चुनाव किया। जहीरुद्दीन बताते हैं कि उन्हें वेद, पुराणों और शास्त्रों के बारे में भी थोड़ी जानकारी रखते हैं। बता दें कि देशभर में शारदीय नवरात्रों के साथ ही रामलीला के मंचन का आयोजन शुरु हो जाता है, जो कि दशहरा के बाद तक चलता है। इस बार यह आयोजन 10 अक्टूबर से शुरु हो चुका है। वहीं दशहरा पर्व का आयोजन 19 अक्टूबर को किया जाएगा।