उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा उपचुनाव में गलत मतगणना के लिए शामली के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह पर गाज गिरी है। चुनाव आयोग (ईसी) ने मंगलवार (13 नवंबर) को उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया। सिंह से तकरीबन तीन हजार वोटों की गिनती में गलती हुई थी। यह बात ईसी द्वारा कराई गई जांच में सामने आई है। ईसी ने इसके साथ सूबे की योगी सरकार से सिंह को लिखित में चेतावनी देने का आदेश दिया है। सिंह की जगह पर ईसी के निर्देशानुसार स्थानीय निकाय के निदेशक अखिलेश सिंह को शामली के डीएम की कमान सौंपी गई है।
सूत्रों के हवाले से स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि टैबुलेशन के लिए जिस फॉर्म 21 ई का प्रयोग होता है उसमें हर राउंड के वोटों की प्रत्याशीवार एंट्री होती है। ये गलतियां इसमें पाई गई हैं। जिलाधिकारी इसके लिए रिटर्निंग ऑफिसर थे, लिहाजा वह ही इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार माने गए।
ईसी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, कैराना के लोकसभा उपचुनाव में जीत का फर्क काफी अधिक था, लिहाजा नतीजों पर प्रभाव नहीं पड़ा। हालांकि, आयोग इतना जरूर कहा कि करीबी टक्कर में इस वजह से समस्या पैदा हो सकती थी। यही कारण है कि ईसी ने साफ लहजे में सिंह को आगे से इस तरह के संवेदनशील कार्यों (चुनाव से संबंधित) में न तैनात करने के निर्देश भी दिए हैं।
आपको बता दें कि कैराना में इसी साल 28 मई को लोकसभा के उपचुनाव हुए थे, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा था। 31 मई को जारी किए गए उपचुनाव परिणाम में विपक्ष की संयुक्त प्रत्याशी तबस्सुम बेगम (राष्ट्रीय लोक दल) जीती थीं। उन्होंने बीजेपी की मृगांका सिंह को लगभग 44,618 मतों से मात दी थी। बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए यह उपचुनाव विपक्ष ने मिलकर लड़ा था। साल 2014 में इस लोकसभा सीट से बीजेपी के हुकुम सिंह ने जीत दर्ज की थी, जिनके देहांत के बाद इस साल 28 मई को उपचुनाव हुए थे।