उत्तर प्रदेश के एक गांव में मूर्ति लगाने को लेकर विवाद हो गया है। 2018 में एक आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी इस व्यक्ति की याद में दलित समूह के लोग प्रतिमा लगाता चाहते थे लेकिन इसे लेकर विवाद हो गया है। घटान उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के गदला गांव की है। पुलिस के अनुसार, दलित यहां पिछले साल आंदोलन में मारे गए अमरेश की प्रतिमा संत रविदास मंदिर में  लगाना चाहते थे। चुनाव आचार संहिता के चलते इस काम पर रोक लगा दी गई है। पुलिस का कहना है कि हालात की संवेदनशीलता को देखते हुए गांव में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गए हैं।

खबरों के मुताबिक एक महीने पहले दलित संगठनों ने प्रतिमा स्थापना को लेकर बैठक की थी और दो अप्रैल का दिन निर्धारित किया था। पुलिस कोप्रतिमा की स्थापना की खबर हुई। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए प्रतिमा की स्थापना पर रोक लगाई। प्रतिमा को पुलिस ने कब्जे में लेकर ग्राम प्रधान को सौंप दिया। इस मामले को लेकर अमरेश के पिता का कहना है कि प्रतिमा की स्थापना को लेकर एसडीएम को पत्र दिया था हालांकि इस संबंध में मदद नहीं मिल पाई।

सीओ राममोहन शर्मा का कहना है कि गांव में चुनाव आचार संहिता के चलते फिलहाला किसी भी तरह की मूर्ति की स्थापना नहीं की जा सकती है।खबरों के मुताबिक  एससीएसटी एक्ट को लेकर एक वर्ष पहले प्रदर्शन के दौरान अमरेश की गोली लगने से मौत हो गई थी।