उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर एक व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाया है। शख्स ने जब निर्दलीय विधायक और पत्नी की हत्या के आरोपी अमनमणि त्रिपाठी की शिकायत की तो सीएम योगी ने कथित तौर पर उसे बुरी तरह फटकार लगाकर जनता दरबार से भगा दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फरियादी आयुष सिंघल लखनऊ से अपनी फरियाद लेकर सीएम के जनता दरबार में हिस्सा लेने के लिए गोरखपुर आया था। उनका कहना है कि उन्होंने पांच साल पहले लखनऊ के अलीगंज इलाके में 22 एकड़ जमीन खरीदी थी। आयुष का आरोप है कि जमीन पर उत्तर प्रदेश के पूर्व बाहुबली मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के विधायक बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने कब्जा कर लिया है। पेशे से व्यवसायी आयुष का कहना है कि अमनमणि जमीन छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उनके मुताबिक, जब उन्होंने निर्दलीय विधायक की शिकायत की तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भड़क गए। सीएम ने कथित तौर पर उनकी बात भी नहीं सुनी और फाइल फेंकते हुए कोई कार्रवाई न होने की बात कह दी। ‘आज तक ऑनलाइन’ के अनुसार, आयुष इससे पहले भी जनता दरबार में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर चुके हैं। पिछली बार सीएम योगी ने लखनऊ के एसएसपी को मामले की छानबीन करने का आदेश दिया था। आयुष का कहना है कि एक महीने बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण वह दोबारा जनता दरबार में अपनी फरियाद लेकर आए थे।

अमनमणि त्रिपाठी पर पत्नी की हत्या का आरोप: उत्तर प्रदेश के नैतनवां विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुने गए अमनमणि पर पत्नी की हत्या का संगीन आरोप है। इस मामले में पहले वह काफी दिनों तक फरार रहे थे, लेकिन बाद में पुलिस के समक्ष समर्पण करना पड़ा था। इसके बाद अमनमणि को जेल भेज दिया गया था। बता दें कि अमनमणि पत्नी सारा के साथ 9 जुलाई, 2015 को कार से दिल्ली आ रहे थे। फिरोजाबाद में कथित तौर पर उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया था। इस हादसे में सारा की मौत हो गई थी, जबकि अमनमणि को खरोंच तक नहीं आई थी। सारा के परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी। बाद में अमनमणि के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। अमनमणि और सारा की शादी वर्ष 2013 में हुई थी, लेकिन उनके पिता अमरमणि इसके खिलाफ थे।