नई दिल्ली, 15 मई। संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में तीन साल लागू रही सी-सैट व्यवस्था के शिकार अभ्यार्थियों ने मोदी सरकार पर अपनी अनदेखी का आरोप लगाया है। पिछले नौ दिन से मुखर्जी नगर में आमरण अनशन कर रहे इन अभ्यार्थियों का सवाल है कि उनके साथ नाइंसाफी क्यों की गई? ये चाहते हैं कि सरकार इन्हें परीक्षा में बैठने के तीन अतिरिक्त अवसर मुहैया कराए ताकि उनके साथ हुई नाइंसाफी की भरपाई हो सके।
गौरतलब है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले और फर्राटेदार अंग्रेजी नहीं बोल पाने वाले अभ्यार्थियों ने सी-सैट प्रणाली का शुरू से ही विरोध किया था। पर सरकार ने कोई गौर नहीं की। बाद में आंदोलन तेज हुआ तो उनकी शिकायत का संज्ञान लिया। सरकार की बनाई विशेषज्ञ समिति ने सी-सैट प्रणाली को अव्यवहारिक और भेदभावपूर्ण माना तो सरकार ने उसे वापस ले लिया। लेकिन उस दौरान परीक्षा देने वालों को जो घाटा हुआ, उसकी भरपाई के सवाल पर सरकार ने चुप्पी साध ली।
अनशन पर बैठे छात्रों का आरोप है कि सरकार ने सी-सैट का प्रयोग कर उनके करिअर से खिलवाड़ कर दिया। वे अपना दुखड़ा भी रोते हैं तो सरकार का कोई मंत्री सुनने को तैयार नहीं। राघव कात्यायन, सुरेंद्र पटेल और हरियाणा की सरबजीत की हालत लगातार बिगड़ रही है। पर कोई उनके आंसू तक पोंछने नहीं आया।

