सरकार ने गुरुवार को बताया कि संघ लोक सेवा आयोग की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अब 100 प्रतिशत आवेदन आनलाइन किए जा रहे हैं जबकि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) में 95 प्रतिशत पंजीकरण आनलाइन हो रहे हैं। कार्मिक एवं लोक शिकायत राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने पूरक प्रश्नों के जवाब में राज्यसभा को बताया कि संघ लोकसेवा आयोग ने 2010 से ही आनलाइन पंजीकरण का विकल्प शुरू कर दिया था। किंतु 2012 के बाद से यूपीएससी में शत प्रतिशत आवेदनों का पंजीकरण आनलाइन होने लगा है।
वर्ष 2015-16 के दौरान एसएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं के लिए लगभग 95 प्रतिशत आवेदन आनलाइन किए गये थे। सरकार यूपीएससी एवं एसएससी की परीक्षाओं के लिए 100 प्रतिशत आवेदनों का पंजीकरण आनलाइन कराने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। सरकार की चयन प्रक्रिया को लेकर जो नजरिया है। उसके तीन मुख्य बिन्दु हैं : पारदर्शिता, सभी को समानता के अवसर प्रदान करना और प्रक्रिया को सुगम बनाना। इससे पहले बीजद के भूपेन्द्र सिंह ने पूरक सवाल पूछते हुए कहा कि दूरदराज, पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आनलाइन आवेदन करने में काफी कठिनाइयां होती हैं।
इसके अलावा हमारा इंटरनेट तंत्र जब बड़े शहरों में ही ढंग से नहीं चलता तो दूरदराज एवं आदिवासी क्षेत्रों में तो और भी दिक्कते हैं। उन्होंने इन क्षेत्रों के लोगों को आनलाइन पंजीकरण से राहत दिलावने का सुझाव दिया। कांग्रेस के एमएस गिल ने भी पूरक सवाल पूछते हुए उनसे पिछड़े एवं दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को आनलाइन पंजीकरण से राहत दिलवाने का सुझाव दिया।
इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि केंद्र ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि यदि किसी प्रत्याशी को आनलाइन आवेदन में दिक्कत आ रही है तो उसकी मदद के लिए उपयुक्त प्रबंध किए जाए। इसके अलावा इस संबंध में हेल्पलाइन नंबर भी संबंधित वेबसाइट पर दिए गए हैं। उन्होंने आनलाइन आवेदन पंजीकरण को खत्म करने की संभावना से साफ इनकार किया।