उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला जेल में बंद सज़ायाफ्ता कैदी की बीमारी के चलते मौत हो गई जिसकी खबर लगते ही शुक्रवार को आक्रोशित कैदियों ने जेल अस्पताल में तोड़फोड़ करने के बाद उत्पात मचाया और रसोईघर में आग लगा दी। आधिकारिक जानकारी के अनुसार स्थिति को काबू में करने के लिए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचना पड़ा
कैदियों द्वारा की जा रही पत्थर बाज़ी के कारण पुलिस ने दर्जनों आँसू गैस के गोले छोड़े तब जाकर स्थिति काबू में आ सकी। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया, “रामपुर थाना क्षेत्र के बानीडीह गांव का निवासी बागीश मिश्र उर्फ सरपंच को बीती छह जनवरी को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा हुई थी। वह मधुमेह और रक्तचाप का मरीज था और बृहस्पतिवार की रात उसकी हालत खराब हो गई।
जेल प्रशासन ने उसे पहले जेल के अस्पताल में भर्ती किया था और आज उसकी हालत नाजुक होने पर जिला अस्पताल भेजा गया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई।” कैदियों ने बागीश की मौत की सूचना के बाद इलाज में लापरवाही का आरोप लगा कर पथराव करने के साथ उत्पात मचाना शुरू कर दिया और जेल में तोड़फोड़ करने लगे। इस बीच किसी कैदी ने जेल के रसोई घर मे आग लगा दी।
जिलाधिकारी ने बताया, “स्थिति को काबू में रखने के लिए आँसू गैस के गोले भी छोड़े गए। जेल में लगभग 1000 कैदी बन्द है। स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है। तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। मृतक कैदी के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा।”
इधर मृतक के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण बागीश की मौत हुई क्योंकि समय रहते अगर इलाज हो जाता तो उसकी जान बच सकती थी।