उत्तरप्रदेश के लखीमपुर दुधवा टाइगर रिज़र्व के किशुनपुर सेंचुरी की वन रेंज में गांव वालों ने एक बाघिन को घेरकर लाठी-डंडों से पीटकर उसकी हत्या कर दी। आक्रोशित गांव वालों ने बाघिन के ऊपर ट्रक्टर चढ़ा कर उसे कुचलने का भी प्रयास किया। गांव वालों का कहना है कि पीलीभीत जिले के चलतुआ गांव निवासी देवानंद को बाघिन ने अपना शिकार बनाया था जब वो साइकिल से अपने गांव जा रहा था। बाघिन के हमले में घायल शख्स की अस्पताल में मौत हो गयी इसी घटना से ग्रामीण खफा थे।

महाराष्ट्र की अवनि नामक बाघिन की मौत पर हुए विवाद के बाद ये दूसरी घटना है, माना जाता है कि महाराष्ट्र में पिछले 2 सालों में एक जंगल में 13 लोगों की मौत हो गयी थी। दुधवा टाइगर रिज़र्व के पास चलतुवा निवासी देवानन्द अपने गांव जा रहा था तभी छिपकर कर बैठी बाघिन ने उन पर हमला बोल दिया, यह देख देवानंद की पत्नी और राहगीरों ने शोर मचाना शुरू कर दिया, तब बाघिन देवानंद को कुछ देर जंगल में घसीटने के बाद छोड़कर भाग गयी।

लेकिन घायल देवानंद ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। कहा जा रहा कि, इस हमले से आक्रोशित ग्रामीणों ने पहले तो बाघिन को घेर लिया और फिर ट्रैक्टर से रौंदने के बाद बाघिन की लाठी-डंडों से पीटकर हत्या कर दी। अब तक टाइगर रिज़र्व घोषित होने के बाद से 10 बाघों की असमय मौत यहां हो चुकी है। अभिनेता रणदीप हुड्डा ने ग्रामीणों द्वार मारी गयी बाघिन का फोटो ट्वीट किया हैं।

बाघिन के मारे जाने की खबर मिलते ही दुधवा नेशनल पार्क उपनिदेशक महावीर कौलजगि और वन्यजीव प्रतिपालक एसके अमरेश मौके पर पहुंचे और बतया कि बाघिन को पीटकर मारा गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा गया है। साथ ही कहा बाघिन को पीटकर मारने वाले ग्रामीणों के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जायेगा। गांव वालों का कहना है कि बाघ के हमले से हम गांव वाले डरे हुए थे इसके पहले भी हम पर हमले हो चुके है जिसकी शिकायत हम लोगों ने वन विभाग से की थी।

पिछले एक सप्ताह में 2 बाघिनों की मौत से भारत में इनकी सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए है। इसके पूर्व राहुल गाँधी ने जानवरों की सुरक्षा को लेकर महात्मा गाँधी द्वारा कहे गए वाक्य को ट्ववीट किया था। केंद्रीय मंत्री मेनका गाँधी ने भी हाल ही में महाराष्ट्र में ‘अवनि’बाघिन की हत्या को लेकर वहां के मुख़्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात करने की बात कही थी। 2014 में एक गणना के मुताबिक 2226 बाघों के होने का अनुमान लगाया गया था।