उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 19 स्थित सिटी मजिस्ट्रेट ऑफिस के बाहर मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह जनसंख्या नियंत्रण को लेकर होने वाले एक धरना कार्यक्रम में बैठने वाले थे लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी। बाद में गिरिराज सिंह ने सेक्टर 31 में पत्रकारों से बात की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गिरिराज सिंह को जनसंख्या समाधान फाउंडेशन ने बतौर मुख्य अतिथि बुलाया था। केंद्रीय मंत्री ने मीडिया को बताया कि फाउंडेशन ने जनसख्या नियंत्रण पर एक कानून के लिए करीब 125 सांसदों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा था। उन्होंने कहा, ”जनसंख्या नियंत्रण भारत के विकास के लिए आवश्यक है लेकिन निहित स्वार्थ वाले कुछ लोग आमतौर पर जनसंख्या नियंत्रण को धर्म विशेष और समुदाय के साथ जोड़ते हैं।” गिरिराज ने कहा कि सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक कानून बनाना चाहिए नहीं तो आने वाले दिनों में देश को गृहयुद्ध का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत की आबादी चीन की आबादी के करीब पहुंच रही है और आने वाले दिनों में यह बढ़ेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में दुनिया की 18 फीसदी आबादी है लेकिन जमीन 2 फीसदी है और भूमिगत जल का स्तर घट रहा है। मंत्री ने कहा, ”हिंदू, मुस्लिम, जैन और बौद्ध सभी के लिए कानून होना चाहिए। जो लोग कानू पालन नहीं करते हैं, उन्हें मतदान के अधिकार से वंचित किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि फाउंडेशन उत्तर प्रदेश में एक अभियान की अगुवाई कर रही है और लोगों को जनसंख्या वृद्धि के बारे में जागरूक कर रही है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में भी बुधवार (26 जनवरी) को गिरिराज सिंह ने जनसंख्या नियंत्रण समेत कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। यहां भी उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण का विरोध करने वालों को मतदान का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि हर मुद्दे को चुनाव से जोड़ दिया जाता है। शहर के स्वतंत्रता सेनानी भवन में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पार्क में नमाज अता किए जाने के मुद्दे पर भी बयान दिया। नोएडा के मामले पर उन्होंने कहा कि जो चीज कानून के आड़े आती है उसे धर्म से जोड़ दिया जाता है। हिंदू हो या मुसलमान, कानून का पालन करना सभी का कर्तव्य है। पार्क में नमाज अता करना जरूरी नहीं है, नमाज अता करनी है तो घर या मस्जिद में करें।