UP Minister on Strike: उत्तर प्रदेश सरकार में कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही (Suresh Rahi) शनिवार (3 सितंबर 2022) को सीतापुर में धरने पर बैठ गए थे। सुरेश राही का आरोप है कि एसडीएम सदर ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं और सुनवाई नहीं हो रही है। जिसके लिए उन्होंने एसडीएम सदर के खिलाफ ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया। मंत्री जिस गरम अंदाज में सीतापुर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे कलेक्टर तक को तेजी से भागते हुए मंत्री को मनाने पहुंचना पड़ा।

कारागार राज्यमंत्री जब कलेक्ट्रेट पहुंचे तो वहां अधिकारियों के न मिलने पर वह डीएम ऑफिस के बाहर ही धरने पर बैठ गए। मंत्री सुरेश राही को वहां से ले जाने के लिए अतिरिक्त मजिस्टेट पंकज प्रकाश राठौर पहुंचे, लेकिन वह मंत्रीजी को मना नहीं पाए। जिसके बाद एसडीएम सदर अनिल कुमार भी दौड़े भागे पहुंचे, लेकिन वह भी बात नहीं मनवा पाए तो आखिर में डीएम अनुज सिंह को सुरेश राही को मनाने आना पड़ा।

कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे: मामला हरगांव विधानसभा क्षेत्र के पिपरा घूरी गांव का है। वह हरगांव थाना क्षेत्र के 170 ग्रामीणों को शांतिभंग में नोटिस जारी होने के विरोध में डीएम से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। डीएम के ऑफिस में न होने पर कलेक्ट्रेट परिसर में ही सैकड़ों ग्रामीणों के साथ यह कहते हुए बैठ गए कि डीएम से बिना मिले नहीं जाएंगे। नोटिस एसडीएम सदर ने जारी किया था।

डीएम ने शांत कराया गुस्सा: मंत्री जब वहां पहुंचे उस वक्त डीएम अनुज कुमार संपूर्ण समाधान दिवस के लिए गए हुए थे। जब एसडीएम सदर अनिल कुमार समझाने पहुंचे तो मंत्री ने जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि बिना जांच के ही नोटिस जारी कर दिया गया। मंत्री के कलेक्ट्रेट में बैठने की सूचना मिलने पर डीएम करीब 11 बजे दफ्तर लौट आए। पूरे मामले की जांच एडीएम से कराने की बात कहकर मंत्री का गुस्सा शांत कराया।

डीएम ने मंत्री को आश्वासन दिया कि जांच के बाद सभी गलत नामों को हटा दिया जाएगा। मंत्री ने डीएम से वार्ता के बाद कहा कि वे जनता की समस्याएं लेकर आए थे। डीएम के इंतजार में बाहर बैठ गए थे। इस दौरान राज्यमंत्री ने एसडीएम सदर को हटाने की मांग रखी। राज्यमंत्री सुरेश राही ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने धरना नहीं दिया है क्योंकि बाबा जी की सरकार में धरना नहीं देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वह ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने आए थे।