उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने निर्देश दिए हैं कि तेजाब विक्रेता 15 दिन के भीतर तेजाब के स्टॉक की रिपोर्ट संबंधित उप जिला मैजिस्ट्रेट के समक्ष अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें। उप जिला मैजिस्ट्रेट द्वारा निरीक्षण के समय तेजाब के स्टाक की सही स्थिति न पाए जाने पर उप जिला मैजिस्ट्रेट द्वारा संपूर्ण स्टाक जब्त कर लिया जाएगा। इसके साथ ही विक्रेता पर अधिकतम 50 हजार रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। सचिव ने उप जिला मैजिस्ट्रेट द्वारा तेजाब की दुकानों का नियमित रूप से निरीक्षण न करने तथा प्रतिमाह की 7 तारीख तक गृह विभाग को निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर अप्रसन्नता व्यक्त की।
मुख्य सचिव ने विक्रेता द्वारा क्रेता से शासन द्वारा निर्गत फोटोयुक्त पहचानपत्र का अवलोकन कर उसकी प्रति भी सुरक्षित रखी जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह की 7 तारीख तक तेजाब (एसिड) विक्रेताओं की दुकानों का निरीक्षण करने के बाद पाई गई अनियमितताओं एवं कृत कार्यवाही तथा अधिरोपित किए गए और वसूल किए गए जुर्माने के संबंध में सूचना गृह विभाग को भेजनी होगी।
गौरतलब है कि प्रदेश में तेजाब से हमला करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लखनऊ में एक महिला ने जब गैंगरेप और एसिड अटैक के बाद भी हार नहीं मानी तो आरोपियों ने उसे जबरदस्ती तेजाब पिला दिया था। महिला के साथ रायबरेली में 2008 में कुछ बदमाशों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था, और इस पर एसिड भी फेंक दिया था। पुलिस ने इस केस में तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया था। इस हमले के बाद महिला बच गई और वह 8 साल से इंसाफ के लिए लड़ रही थी। इस बीच महिला पर केस वापस लेने के लिए लगातार दवाब बनाया जा रहा था लेकिन पीड़िता ने इंसाफ के लिए अपना संघर्ष जारी रखा। महिला के मजबूती के साथ अपने फैसले पर टिके होने के बाद बदमाशों ने महिला पर फिर हमला किया और उसे तेजाब पीने के लिए मजबूर किया। प्रदेश में इस तरह के कई मामले घटे हैं जहां पर खुलेआम बिकते तेजाब के कारण लोगों पर एसिड अटैक होता है।
