उत्तर प्रदेश में साल 2022 की बोर्ड परीक्षाएं जारी हैं और हाई स्कूल व इंटरमीडिएट के छात्र इन परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं। इसी क्रम में बलिया जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां नकलविहीन परीक्षा कराने के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। आज यानी 29 मार्च को हाई स्कूल के छात्रों की संस्कृत की परीक्षा निर्धारित है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बलिया में 500 से 1000 रुपये में हाई स्कूल के संस्कृत पेपर की सॉल्व कॉपी बिक रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार और यूपी बोर्ड लगातार नकलविहीन परीक्षा कराने का दावा करता है। लेकिन नकल माफिया इन सख्ती से परे अपने हथकंडे जारी रखते हैं। यूपी बोर्ड की तरफ से जारी परीक्षा सूची के अनुसार, 29 मार्च को हाई स्कूल के छात्रों के लिए संस्कृत विषय की परीक्षा निर्धारित रही। संस्कृत का पेपर सुबह 8 बजे से होना था, लेकिन परीक्षा शुरू से पहले ही बलिया में संस्कृत की सॉल्व कॉपी बिकना शुरू हो गई।
रिपोर्ट की माने तो यह सॉल्व कॉपियां संस्कृत विषय की है और इन्हें 500 से 1000 रूपये में बेचा जा रहा है। इस पूरे प्रकरण के पीछे शिक्षा विभाग और नकल माफियाओं की मिलीभगत बताई जा रही है। इन सबके चलते यूपी सरकार और यूपी बोर्ड के दावे ढेर होते नजर आए। बोर्ड परीक्षाओं से पहले सख्ती के कई तरह के इंतजाम होने की बात करता है, लेकिन बलिया में संस्कृत विषय की सॉल्व कापियां बिकना बड़ा प्रश्न चिन्ह है।
नकल माफिया सरकार और बोर्ड के दावों की धज्जियां उड़ाते हुए ऐसे कामों को अंजाम दे रहे हैं। बताया यह भी जा रहा है कि परीक्षा 29 मार्च को सुबह 8 बजे से होनी थी, लेकिन यह पेपर 28 मार्च की देर रात से ही पांच सौ और हजार रूपये में बिकना शुरू हो गए थे। यह दिखाता है कि नकल माफिया पूरे प्रशासनिक अमले पर हावी हैं और शिक्षा विभाग में सेंधमारी कर रखी है।
ज्ञात हो कि बलिया में इससे पहले भी नकल माफियाओं को बोलबाला रहा है। जिसके चलते इस बार भी किसी भी दूसरे जिले के छात्र को बलिया में आकर बोर्ड परीक्षा देने पर रोक लगाई गई है। प्रशासन की इस सख्ती के बाद बोर्ड एग्जाम में बैठने वाले छात्रों की संख्या लगातार कम हुई है।
