पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन की दिल्ली की राजनीति से विदाई के संकेत मिले हैं। पार्टी ने उन्हें राज्य की राजनीति में भेजने का फैसला लिया है। अलाकमान ने शनिवार को उन्हें बिहार विधान परिषद (MLC) चुनाव में उम्मीदवार घोषित कर दिया। दरअसल बिहार विधान परिषद के लिए दो सीटों पर उप चुनाव होने हैं। दोनों सीटें भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी और विनोद नारायण झा के इस्तीफे के बाद खाली हुई थीं। इनमें एक सीट पर भाजपा ने हुसैन की नाम की घोषणा की है। इसके साथ ही उनकी चुनावी राजनीति में वापसी हो गई है।
भाजपा नेता हुसैन दो बार भागलपुर (2006 और 2009) से सांसद रह चुके हैं। एक बार (1999) किशनगंज से भी लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद यह पहला मौका है जब वह चुनाव मैदान में उतरेंगे। साल 2014 में वह भागलपुर से लोकसभा का चुनाव हार गए थे जबकि 2019 में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में वह नागरिक उड्डयन मंत्री भी रह चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि चुनाव में भाजपा को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ सकता है जबकि खाली हुई दोनों सीटें भगवा दल के कब्जे में थीं। बताया गया कि एक सीट पर आरजेडी अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी। हालांकि पार्टी ने अभी अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया। सदन में संख्या बल के लिहाज से आरजेडी सहयोगी दलों के सहयोग से एक सीट पर उम्मीदवार की जीत तय कर सकती है। ऐसे में भाजपा को एक सीट का नुकसान उठाना होगा।
उल्लेखनीय है कि पार्टी ने हुसैन को बिहार से उम्मीदवार बनाने के अलावा उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव के लिए भी छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। इनमें कुंवर मानवेन्द्र सिंह, गोविंद नारायण शुक्ला, सलिल बिश्नोई, अश्विनी त्यागी, धर्मवीर प्रजापति और सुरेन्द्र चौधरी शामिल हैं। राज्य की 12 विधान परिषद सीटों के लिए 28 जनवरी को मतदान होना है और नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 18 जनवरी है। जिन 12 सीटों पर चुनाव होने हैं उसके मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा हो रहा है। (एजेंसी इनपुट)