Uniform Civil Code: उत्तराखंड सरकार 5 फरवरी को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पारित कर सकती है। यही वजह की राज्य सरकार ने विधेयक पर चर्चा के लिए विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय समिति 2 फरवरी को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है। समिति का गठन मई 2022 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा किया गया था।

यह घटनाक्रम तब हुआ जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को घोषणा की कि समान नागरिक संहिता के लिए गठित पांच सदस्यीय समिति ने मसौदा पूरा कर लिया है।

धामी ने रूड़की में नमो नव मतदाता सम्मेलन (नए मतदाता सम्मेलन) को संबोधित करते हुए कहा, “जैसे ही हमें मसौदा मिलेगा, हम विधानसभा का सत्र बुलाएंगे और पूरे राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करेंगे।”

राज्यपाल ने उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा को वर्ष 2023 के दूसरे सत्र के लिए मंगलवार, 05 सितंबर 2023 को सुबह 11 बजे सभा मंडप, विधानसभा भवन, देहरादून में बुलाया था और जिसे अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था।

उत्तराखंड का एक दिवसीय विधानसभा सत्र 5 फरवरी को

वहीं शुक्रवार को उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि 08 सितंबर 2023 को उत्तराखंड विधानसभा के माननीय अध्यक्ष द्वारा सोमवार, 5 फरवरी, 2024 को सुबह 11 बजे सभा मंडल, विधान सभा, देहरादून में फिर से सदन बुलाया जाएगा।

इंडियन एक्सप्रेस द्वारा साझा किए गए विवरण के अनुसार, समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट लैंगिक समानता और पैतृक संपत्तियों में बेटियों के लिए समान अधिकार का सुझाव देती है। कथित तौर पर समिति के दस्तावेज़ में महिलाओं की विवाह योग्य आयु को बढ़ाकर 21 वर्ष करने का सुझाव नहीं दिया गया है और महिलाओं के लिए विवाह योग्य आयु को 18 वर्ष बनाए रखने की सिफारिश की गई है।

भाजपा शासित गुजरात और असम भी अपने-अपने राज्यों में यूसीसी पारित करने की लाइन में हैं। हालांकि, दोनों राज्य अभी बिल के गठन की प्रक्रिया में हैं।