राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या से देश में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है। पूरे राजस्थान में 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद है। प्रदेश के बिगड़ते हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चर्चा के लिए जयपुर में सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इससे पहले भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना की न सिर्फ निंदा की है बल्कि हत्या के लिए गहलोत सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है। बीजेपी नेता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि ”मुख्यमंत्री इस घटना को हत्या बता रहे हैं, जबकि हत्या कर उसकी वीडियो बनाना जमीनी विवाद में नहीं होता। ये हत्याकांड नहीं आतंकी हमला है।”
राठौर ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार को नपुंसक बताते हुए कहा है, ”साढ़े तीन साल हो गए और इन्होंने जो काम किए हैं उसके कारण ही आज जिहादियों के हौसले बुलंद हैं। राज्य की सरकार ऐसे संगठनों के साथ नरमी से पेश आती है।”
डीजीपी एमएल लाठर ने मीडिया को बताया है कि इस मामले के मुख्य आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही तीन अन्य को हिरासत में लिया गया है। घटना को आतंकी हमला मानकर जांच की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज किया गया है। आगे की जांच एनआईए करेगी। राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया है कि राजस्थान एटीएस जांच में पूर्ण सहयोग करेगी।
मुख्यमंत्री गहलोत ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी है कि प्रारंभिक जांच में दोनों आरोपियों के दूसरे देशों में भी संपर्क होने की बात सामने आई है। सीएम ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। राज्य सरकार ने उन पांच पुलिसकर्मियों को प्रमोशन भी दिया है, जिन्होंने आरोपियों को त्वरित गिरफ्तारी कर सरकार को राहत पहुंचाई है।
पूरा बवाल सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट के बाद शुरू हुआ था। सोशल मीडिया पोस्ट 10 जून को किया गया था। 11 जून को कन्हैयालाल पर केस दर्ज करवाया गया। 12 जून को पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले जाती है। 13 जून को पुलिस दोनों पक्षों में समझौता करवा देती है और कन्हैयालाल को जमानत मिल जाती है। 15 जून को कन्हैयालाल पुलिस को एक पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग करते हैं क्योंकि उन्हें जान से मारने की धमकी मिलती है। 6 दिन से बंद पड़ी अपनी दुकान सुप्रीम टेलर्स को दर्जी कन्हैयालाल 26 जून खोलते हैं। तभी आरोपी पहुंचते हैं और कन्हैयालाल की गला रेतकर हत्या कर देते हैं।