UCC Uttrakhand News: उत्तराखंड राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता नियमावली, उत्तराखंड 2025 को अंतिम रूप दिया गया है। इसका उद्देश्य सभी नागरिकों को समानता और न्याय सुनिश्चित करना और कानूनी प्रक्रियाओं को सरल व पारदर्शी बनाना है। इस पहल के तहत विवार, विवाह विच्छेद, विवाह की अकृतता, इच्छापत्रीय एवं गैर-इच्छापत्रीय उत्तराधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप इत्यादि से जुड़े विस्तृत प्रावधान शामिल किए गए हैं।

आइए आपको बताते हैं यूसीसी नियमावली, उत्तराखंड 2025 को आसान बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए मुख्य कदम…

उत्तराखंड के नागरिकों को विवाह, विवाह-विच्छेद, उत्तराधिकार को अधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप, लिव-इन रिलेशनशिप की समाप्ति के रजिस्ट्रेशन हेतु नियमावली के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा एक ऑन लाइन प्लेटफार्म की व्यवस्था का प्रावधान करते हुए पोर्ट तैयार किया गया है, जिससे हर नागरिक अपने मोबाइल के जरिए घर पर बैठे-बैठे ही अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।

नागरिकों हेतु रजिस्ट्रेशन की सुविधा को सरल एवं सुगम बनाए जाने के लिए ऑन लाइन प्लेटफार्म के जरिए रजिस्ट्रेशन किए जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) को अधिकृत किया गया है।

पर्वतीय / दूर – दराज क्षेत्रों में जहां पर इंटरनेट सुविधाओं की पहुंच नहीं है, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के एजेंट घर-घर जाकर नागरिकों को उक्त सुविधाएं उपलब्ध करायेंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में उक्त रजिस्ट्रेशन से संबंधित कार्यों हेतु ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को सब-रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया है, जिससे स्थानीय स्तर पर ही ग्रामीण नागरिकों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध हो सके।

यूसीसी में रजिस्ट्रेशन की सुविधा को सरल एवं सुचारू बनाने के लिए आधार से रजिस्ट्रेशन का विकल्प दिया गया है।

रजिस्ट्रेशन से संबंधित अपने आवेदन को ई-मेल एवं एसएमएस के जरिए से ट्रैक कर सकते हैं।

नियमावली के अंतर्गत ऑनलाइन पोर्टल के जरिए से नागरिकों की शिकायतों के पंजीकरण हेतु भी व्यवस्था की गई है।

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