गुजरात के बोटाद जिले के इटारिया गांव में कुएं में गिरने से एक शेरनी की मौत हो गई है। बोटाद जिला प्रशासन द्वारा दो साल पहले करीब दो साल पहले शेरों की मूवमेंट रिकॉर्ड करना शुरू किया था, तब से यह शेर की मौत पहला मामला है। वन विभाग द्वारा शेर के शव (carcass) को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला बुधवार को उस समय सामने आया जब गांव के लोगों ने कुएं में एक शेर की लाश तैरते देखी। यह खेत इटारिया गांव के दह्याभाई मकवाना है।

बोटाड सोशल फॉरेस्ट्री डिवीजन के DCF आयुष वर्मा ने द इंडियन एक्सप्रेस की टीम को बताया कि उनके द्वारा स्पॉट पर एक टीम भेजी गई लेकिन जब तक वो वहां पहुंचती, तब तक जानवर की मौत हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि कुएं में गिरकर मरने वाली शेरनी की उम्र करीब दो साल रही होगी।

पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शेरनी का शव

आयुष वर्मा ने कहा कि कुआं पहाड़ों के पास है औऱ मानसून की वजह से इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा था। उन्होंने बताया कि शेरनी की लाश को पोस्टमार्टम के लिए अमरेली जिले के शेत्रुंजी वन्यजीव प्रभाग के पास वाले केंद्र में भेज दिया गया है।

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आपको बता दें कि बोटाद जिले का इटारिया गांव सोशल फॉरेस्ट्री डिवीजन के गधाडा रेंज में आता है और यह अमरेली जिले के बाबरा तालुका से सटा हुआ है। यहां पर एशियाई शेरों की रेगुलर मूवमेंट देखी जाती है। गधाडा रेंज के फॉरेस्ट ऑफिसर इंद्रकुमार प्रजापति ने बताया कि जिस कुएं में गिरने से शेरनी की मौत हुई, वह साठ से सत्तर फीट गहरा है। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया घटना मंगलवार रात की मालूम पड़ती है।

आयुष वर्मा ने बताया कि एक शेरनी और उसके दो बच्चों के परिवार ने करीब ढाई साल पहले गधाडा को अपना घर बनाया था। उन्होंने बताया कि वन विभाग की तरफ से कृत्रिम जल कुंड बनाने और लोकल लोगों को शेरों और उनकी आदतों के महत्व के बारे में जागरूक करने जैसी पहल की। ​​हालांकि, गधाडा तालुका में कई कुएं ढके नहीं हैं और गधादा तालुका को अब तक ग्रेटर गिर क्षेत्र में शामिल नहीं किया गया है, जिसके तहत सरकार खुले कुओं को ढकने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।