उत्‍तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और सभी पार्टियां तैयारियों में जुटी हुई हैं। लेकिन कांग्रेस नेताओं में सामंजस्‍य की कमी अब भी नजर आ रही है। खबरें हैं कि वर्तमान अध्‍यक्ष निर्मल खत्री की जगह कांग्रेस राज्‍य में नया चेहरा नियुक्‍त करेगी। इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है कि वे पद पर रहेंगे या हटेंगे। इसी बीच पार्टी के दो नेताओं ने सोशल मीडिया पर वाराणसी के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा को अध्‍यक्ष बनने की बधाई दे दी। वरिष्‍ठ नेताओं की शिकायत और मीडिया के सवालों के बाद दोनों नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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वाराणसी शहर अध्‍यक्ष सीताराम केसरी और आजमगढ़ के ब्‍लॉक अध्‍यक्ष सच्चिदानंद से पूछा गया है कि उन्‍होंने ऐसे क्‍यों किया। यूपी कांग्रेस अनुशासन समिति के चेयरमैन रामकृष्‍ण दि्ववेदी ने बताया, ”यह लड़ाई(चुनाव) का समय है और ऐसे काम भ्रम पैदा करते हैं। पार्टी नेताओं से इस तरह की अफवाहें फैलाने की उम्‍मीद नहीं की जाती। इसलिए हमने उन्‍हें कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। उनके संदेश हमारे पास मौजूद है।” दोनों नेताओं को तीन दिन का समय दिया गया है। दि्ववेदी ने बताया कि दोनों के जवाब मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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आजमगढ़ कांग्रेस अध्‍यक्ष हवलदार सिंह ने बताया, ”हमें ऐसे किसी मैसेज की जानकारी नहीं है। सीनियर नेताओं की शिकायत पर हमने मामले की जांच की। यह मैसेज पिछले सप्‍ताह जारी किया गया। जांच में सामने आया कि सच्चिदानंद ने यह मैसेज तैयार किया।” वहीं केसरी ने मैसेज भेजने से इनकार किया। उन्‍होंने कहा, ” कुछ गड़बड़ हो गई है। किसी और ने मेरे नाम से मैसेज भेजा है। मुझे अभी तक नोटिस नहीं मिला है।”

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सूत्रों ने बताया कि निर्मल खत्री ने इस्‍तीफा देने का प्रस्‍ताव दिया है लेकिन राहुल गांधी देश से बाहर हैं, उनके आने के बाद ही कोई कार्रवाई होगी। वहीं खत्री पद छोड़ने से इनकार किया है। सूत्रों का कहना है कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पार्टी से कहा कि किसी ब्राह्मण को पार्टी का चेहरा बनाया जाए। इसके बाद से यूपी अध्‍यक्ष पद के लिए ब्राह्मण चेहरे दावेदारी कर रहे हैं। राजेश मिश्रा इस दौड़ में आगे चल रहे हैं। वे बिहार चुनावों में राहुल गांधी के साथ रहे थे।