मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नौ महीने पुरानी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। कमल नाथ सरकार में वन मंत्री उमंग सिंघार ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) को चिट्ठी लिख डाली। इसके बाद बवाल मचा और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बयान दे डाला। दिग्विजय सिंह पर पर्दे के पीछे से सरकार चलाने का आरोप लगा। अब दिग्विजय ने फिर बयान दिया है। शुक्रवार (6 सितंबर) को दिग्विजय ने कहा, ‘यह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी फैसला लेंगे।’ हालांकि दिग्विजय सिंह ने अप्रत्यक्ष रूप से सिंघार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, ‘हर पार्टी में अनुशासन होना चाहिए। अगर कोई अनुशासनहीनता करता है, चाहे वह कितना भी बड़ा व्यक्ति हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।’
दिग्विजय ने सभी मंत्रियों को पत्र लिखने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा, ‘यदि मैं सरकार का शुभचिंतक होने के कारण अधिकारियों और कार्यों की स्थिति कि जानकारी लिए पत्र लिखा। यदि यह पार्टी के नीति और नियम का उल्लंघन है तो मैं नहीं करूंगा। हालांकि इसके बाद एमपी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने उमंग सिंघार के इस बयान के लिए उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।’
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सुर्खियां बटोर रहे दिग्विजय सिंहः दिग्विजय इन दिनों खासे सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और बजरंग दल पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘ये आईएसआई से पैसा लेते हैं। बीजेपी आईटी सेल के सदस्य ध्रुव सक्सेना और बजरंग दल सदस्य बलराम सिंह को आईएसआई से पैसे लेते हुए गिरफ्तार किया है। लेकिन बीजेपी ने इन पर कोई कार्रवाई नहीं कि। बीजेपी ने इनके खिलाफ एनएसए का प्रयोग क्यों नहीं किया?’ साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी से विचारधारा की लड़ाई है और वह आगे भी जारी रहेगी।
दिग्विजय का यह बयान पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम का बचाव करने के दौरान मीडिया से बातचीत में सामने आया था। उन्होंने पी चिदंबरम का बचाव करते हुए कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पूरे देश में गुजरात नीति लागू कर निर्दोष लोगों को फंसा रही है। उन्होंने यह भी कहा, ‘हालांकि मेरे खिलाफ वो पिछले 15 साल सबूत खोजने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला।’

