मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) के पास शनिवार को तीन हाथियों ने दो लोगों की जान ले ली और एक अन्य व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर दिया। यह घटना तब घटी जब वन विभाग पिछले तीन दिनों में 10 हाथियों की मौत के बाद यहां आने-जाने वाले हाथियों पर निगरानी रख रहा था। इस बीच अचानक क्षेत्र में हाथियों की संख्या बढ़ गई है, जिसके चलते वन विभाग के कर्मचारी हाथियों की ट्रैकिंग कर रहे हैं।
मृतकों के शव टाइगर रिजर्व से कुछ दूरी पर मिले
इस घटना में मृतकों में से एक रामरतन यादव (50) का शव टाइगर रिजर्व से लगभग 10 किलोमीटर दूर देवरा गांव में मिला। वहीं भैरव कोल (35) की मौत टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित ब्राहे गांव में हुई। इसके अतिरिक्त हमले में मलेश साहू (32) भी घायल हुए, जो रिजर्व के ठीक बाहर बांका में थे। उनकी स्थिति भी चिंताजनक बताई जा रही है।
उमरिया के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर विवेक सिंह ने बताया कि यह स्पष्ट नहीं है कि जो हाथी हमला कर रहे थे, वे उन 10 मृत हाथियों के साथ थे या किसी अन्य समूह से संबंधित थे। वन अधिकारियों ने संभावना जताई है कि ये हाथी किसी अन्य समूह का हिस्सा हो सकते हैं, जो उस स्थान पर पहुंचे थे, जहां हाथियों की मौत हुई थी। यह स्थिति निश्चित रूप से जांच के बाद ही स्पष्ट होगी।
एक मॉनिटरिंग टीम कर रही हाथियों की निगरानी
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दो दिन पहले, 25 हाथियों का एक समूह कोदो बाजरा (Kodo Millets) की तलाश में यहां आया था। उस समय इन हाथियों को वहां से भगा दिया गया था, लेकिन वे सड़क पार करके मुख्य क्षेत्र में प्रवेश कर गए। अधिकारियों का मानना है कि संभवतः इनमें से तीन हाथी समूह से अलग हो गए और इन दो लोगों की मौत का कारण बने। सभी हाथियों की निगरानी एक मॉनिटरिंग टीम द्वारा की जा रही है, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
29 अक्टूबर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली रेंज में संखनी और बकेली के तहत चार जंगली हाथी मृत पाए गए। इसके बाद 30 अक्टूबर को चार और 31 अक्टूबर को दो हाथियों की भी मौत हो गई। उनके शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके पेट में बड़ी मात्रा में कोदो बाजरा (Kodo Millets) और कुछ विषाक्त पदार्थ पाए गए।
शुक्रवार को वन विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि पास के खेतों और हाथियों से लिए गए नमूने आईसीएआर-इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, इजतनगर (उत्तर प्रदेश) और मध्य प्रदेश के सागर में फॉरेंसिक लैब में भेजे जाएंगे। इसके अलावा, नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी और मध्य प्रदेश की टाइगर स्ट्राइक फोर्स भी इन मौतों की गहन जांच कर रही है।
इस बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के वन मंत्री दिलीप आहीरवार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) अशोक बर्णवाल और राज्य के मुख्य वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव को उमरिया जिले का दौरा करने और हाथियों के कारण हुई मौतों पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 8 लाख रुपये की मुआवजे की घोषणा भी की है, जिससे कि उन परिवारों की सहायता की जा सके जो इस हादसे से प्रभावित हुए हैं।