Delhi News: दिल्ली की एक अदालत उस समय हैरान रह गई जब एक दोषी और उसके वकील ने चेक बाउंस मामले में दोषसिद्धि के बाद ओपन कोर्ट में महिला जज को धमकाया और गालियां दीं। आरोपी ने अपने पक्ष में फैसला न सुनाने पर जज पर कोई चीज फेंकने की भी कोशिश की। इसके बाद उसने अपने वकील को निर्देश दिया कि वह अपने पक्ष में फैसला सुनाने के लिए हर संभव कोशिश करे।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, 2 अप्रैल 2025 के आदेश के अनुसार, फैसला सुनने के बाद आरोपी गुस्से से भड़क गया और खुली अदालत में जज को परेशान करना शुरू कर दिया। आरोपी ने जज से कहा, ‘तू है क्या चीज…कि तू बाहर मिल देखता है कैसे जिंदा घर जाती है। न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवांगी मंगला ने आरोपी को परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषी ठहराया था और उसे अगली सुनवाई की तारीख पर धारा 437 ए सीआरपीसी के तहत जमानत बांड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

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महिला जज पर बनाया इस्तीफा देने का दबाव

जज मंगला ने अपने आदेश में कहा कि दोषसिद्धि के बाद आरोपी और उसके वकील ने मानसिक तौर पर परेशान किया और उन पर अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव बनाया। जज ने धमकी और उत्पीड़न के जवाब में राष्ट्रीय महिला आयोग के सामने कार्रवाई की इच्छा जाहिर की है। जज ने दोषी के वकील अतुल कुमार को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि उसके साथ दुर्व्यवहार करने के लिए उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।

कोर्ट ने वकील को जारी किया कारण बताओ नोटिस

कोर्ट ने कहा, ‘आरोपी अतुल कुमार के वकील को अदालती नोटिस जारी किया जाए कि वे लिखित में कारण बताएं कि आज उनके द्वारा किए गए आचरण के लिए स्पष्टीकरण दिया जाए और यह भी स्पष्ट किया जाए कि ऐसे दुर्व्यवहार के लिए उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने के लिए उन्हें हाई कोर्ट को क्यों न भेजा जाए।’ अदालत ने आरोपी को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 437ए के तहत जमानत बांड भरने का भी निर्देश दिया। साथ ही वकील को अगली सुनवाई तक जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा गया है। दिल्ली हाई कोर्ट की वकीलों को सलाह