तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा श्री वाणी ट्रस्ट के धन से दलित बस्तियों में 1,000 मंदिर बनाने की योजना पर आंध्र प्रदेश की सरकार में सहयोगी जनसेना पार्टी का बयान आया है।

जनसेना पार्टी के नेता किरण रॉयल ने कहा, “मुझे लगता है कि एक बहुत अच्छा कदम है। इसके तहत श्री वाणी ट्रस्ट के फंड से पूरे भारत में 1,000 मंदिरों का निर्माण किया जाएगा। टीटीडी अध्यक्ष ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य लोगों को आस्था, हिंदू समुदाय और धर्म के संरक्षण के बारे में अधिक गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करना है… इसलिए मेरा मानना ​​है कि यह निर्णय अच्छा है और सरकार को भी इसका समर्थन करना चाहिए। अगर टीटीडी इसे जल्दी लागू करता है तो यह और भी बेहतर होगा।”

जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण हैं और वह आंध्र प्रदेश की सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं।

इस मामले में वाईएसआरसीपी नेता एन. रामकुमार रेड्डी ने PTI से कहा, “…मुझे नहीं पता कि उन्होंने इसे धर्मांतरण विरोधी कहा है या नहीं लेकिन हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। इसलिए कोई भी कुछ भी थोप नहीं सकता और हर कोई अपने धर्म का प्रचार करता है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर टीटीडी और मंदिर बना रहा है, तो मुझे नहीं लगता कि यह कोई नई योजना है। मेरी जानकारी के अनुसार, यह पहले भी मौजूद थी। इसलिए और मंदिर बनाना इस चल रही प्रक्रिया का हिस्सा है।”

आंध्र प्रदेश में 2019 से 2024 तक वाईएसआरसीपी की सरकार रही थी लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।

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पिछले हफ्ते ही टीटीडी ने घोषणा की थी कि मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के निर्देशों का पालन करते हुए पहले चरण में आंध्र प्रदेश के दलित गांवों में 1,000 मंदिर बनाए जाएंगे। टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष बीआर नायडू ने कहा था कि प्रत्येक मंदिर का निर्माण स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर 10 लाख से 20 लाख रुपये की लागत से किया जाएगा।

नायडू ने बताया था कि इस पहल के लिए धनराशि श्रीवाणी ट्रस्ट के माध्यम से स्वीकृत की जाएगी।

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हर विधानसभा में बनेंगे पांच से छह मंदिर

नायडू ने कहा था कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सिफारिशों के अनुसार हर विधानसभा क्षेत्र में पांच से छह मंदिर बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि यह दलित गांवों को मंदिर के बुनियादी ढांचे में उनका हिस्सा सुनिश्चित करके सामाजिक और आध्यात्मिक समावेशिता को मजबूत करने की पहल है।

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