भाजपा शासित राज्य त्रिपुरा की पुलिस द्वारा कथित तौर पर एंबुलेंस पर हमला करने का मामला सामने आया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि यह घटना इस सप्ताह के शुरूआत की है। जिस एंबुलेंस पर पुलिसवालों ने हमला किया, उस पर नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रहे दो घायल प्रदर्शनकारियों को अस्पताल ले जाया जा रहा था। ये प्रदर्शनकारी पुलिस फायरिंग की वजह से घायल हो गए थे। पुलिस द्वारा एंबुलेंस पर हमला करने के दौरान वे रहम की भीख मांगते रहे, लेकिन किसी ने एक न सुनी।

पहला वीडियो 8 जनवरी की घटना का है। इस वीडियो में दिख रहा है कि त्रिपुरा स्टेट राइफल्स की टीम ने राज्य के पश्चिमी हिस्से में खुमुलवंग के बाहर दो घायल (गोली से जख्मी) प्रदर्शनकारियों को अस्पताल ले जाने वाली एक एम्बुलेंस को रोक दिया। वीडियो में आगे दिख रहा है कि पुलिसवाले ड्राइवर को पिटने लगते हैं और वह घायलों को कराहता छोड़ भाग जाता है। वीडियो में दिख रहे सभी पुलिस जवान दंगा नियंत्रण करने वाले हेलमेट और ड्रेस पहले हुए हैं। उनमें से एक एंबुलेंस के शीशे पर डंडे से हमला करता है तो गाड़ी के निचले हिस्से पर। वहीं, दूसरे वीडियो क्लिप में यह दिखता है कि गोली से घायल दो लोग उस तोड़फोड़ की गई एंबुलेंस में पड़े हुए हैं।

हालांकि, पुलिस ने इस घटना से इंकार किया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, त्रिपुरा पुलिस के एडीजी राजीव सिंह ने कहा, “मैं इस वीडियो पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं करूंगा क्योंकि मैंने इसे देखा नहीं है। मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि पुलिस ही घायलों को अस्पताल ले गई। हम एंबुलेंस पर हमला नहीं कर सकते हैं।”

बता दें कि त्रिपुरा के माधवबाड़ी और आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा आदेश लागू किया गया है। यहां पर मंगलवार को नागरिकता संशोधन विधेयक विरोधी प्रदर्शनकारियों का पुलिस के साथ संघर्ष हो गया था जिसमें कम से कम सात लोग घायल हो गये थे।