तीन तलाक को लेकर एक तरफ जहां संसद में बहस जारी है, वहीं दूसरी तरफ देश के विभिन्न हिस्सों से तीन तलाक के मामले बदस्तूर सामने आ रहे हैं। ताजा मामला उत्तराखंड के सितारगंज इलाके का है, जहां एक मुस्लिम व्यक्ति ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया। दरअसल पीड़ित महिला ने अपने पति के विवाहोत्तर संबंधों का विरोध किया, जिसके कारण पति ने महिला को तीन तलाक दे दिया। खबर के अनुसार, सितारगंज के रहने वाले सैयद सिराज अहमद की शादी बरेली के बहेड़ी इलाके की रहने वाली अर्जुमंद जाफरी के साथ साल 1999 में हुई थी। बता दें कि सितारगंज और बरेली की सीमाएं मिलती हैं। सैयद सिराज अहमद ने अपनी पहली पत्नी की मौत के बाद अर्जुमंद जाफरी के साथ दूसरी शादी की थी।
सैयद सिराज के 11 बच्चे हैं, जिनमें से 8 बच्चे पहली पत्नी और तीन बच्चे दूसरी पत्नी से हैं। अर्जुमंद जाफरी का आरोप है कि उसके पति का विवाहोत्तर संबंध है, जिसके चलते उनके बीच झगड़े होते थे। सैयद सिराज पर आरोप है कि उसके अपनी बहु के साथ भी कथित तौर पर संबंध है। फिलहाल इन्हीं मुद्दों पर पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ और इसी झगड़े में पति ने पत्नी को तीन तलाक दे दिया। तलाक के बाद पीड़ित महिला ने स्थानीय पुलिस थाने में इसकी शिकायत की। पुलिस जांच में पता चला कि यह तीन तलाक का मामला है। खास बात ये है कि तीन तलाक का यह मामला ऐसे वक्त सामने आया है, जब संसद में तीन तलाक के मुद्दे पर बहस हो रही है।
उल्लेखनीय है कि बहुप्रतिक्षित तीन तलाक बिल गुरुवार को लोकसभा में पास हो गया। हालांकि बिल पेश करने वाली एनडीए सरकार के लिए अब इसे राज्यसभा में पास कराना चुनौती होगी, क्योंकि राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है। गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक बिल पास होने के दौरान कांग्रेस ने इसके विरोध में सदन से वॉक आउट किया। लोकसभा में तीन तलाक बिल के समर्थन में 245 वोट पड़े और विरोध में 11 वोट पड़े। एनडीए और उसके घटक दल जहां तीन तलाक बिल के समर्थन में हैं। वहीं कांग्रेस, टीएमसी और तेदेपा जैसी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं।