राजस्थान के बाड़मेर में कलेक्टर टीना डाबी ने प्रशासनिक कार्यशैली में एक नई मिसाल पेश की है। उन्होंने एक ऐसा WhatsApp ग्रुप बनाया है जिसकी चर्चा अब पूरे जिले में हो रही है। इस ग्रुप का नाम है “नेगेटिव मीडिया रिपोर्ट ग्रुप”, और इसका मकसद है – आम जनता से जुड़ी समस्याओं को मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए तुरंत पकड़ना और तेजी से उनका समाधान करवाना।

दैनिक भास्कर अखबार की खबर के मुताबिक इस ग्रुप की खास बात यह है कि इसमें रोज सुबह 11 बजे जिले के अलग-अलग हिस्सों की मीडिया रिपोर्ट्स डाली जाती हैं, जिनमें बिजली, पानी, सड़क, पुलिस या किसी अन्य विभाग से जुड़ी जनसमस्याएं होती हैं। यह काम सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के उप निदेशक प्रमोद वैष्णव की निगरानी में होता है।

मीडिया में आई समस्या, सीधे पहुंचती है अफसरों तक

रिपोर्ट सामने आते ही संबंधित विभाग के अधिकारी तुरंत सक्रिय हो जाते हैं। विभाग से पूछा जाता है कि यह समस्या कितनी गंभीर है और क्या कार्रवाई हुई। फिर तहसीलदार या एसडीएम के जरिए ग्राउंड रियलिटी चेक करवाई जाती है। अगर समस्या हल हो चुकी है तो उसकी पुष्टि की जाती है, और अगर नहीं, तो तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए जाते हैं।

सभी विभागों की टीम जुड़ी है इस डिजिटल पहल में

इस WhatsApp ग्रुप में बाड़मेर जिले के 72 अधिकारी जुड़े हुए हैं। इनमें पीएचईडी, डिस्कॉम, पीडब्ल्यूडी, चिकित्सा विभाग, पुलिस, राजस्व विभाग, वन विभाग, खान विभाग, रोडवेज सहित लगभग हर विभाग के अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा एसडीएम, तहसीलदार जैसे फील्ड अधिकारी भी ग्रुप का हिस्सा हैं, ताकि हर रिपोर्ट की सच्चाई तुरंत परखी जा सके।

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हर विभाग के लिए अलग-अलग कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं, जो शिकायतों पर फौरन कार्रवाई करते हैं। चाहे वह किसी गांव की बिजली गुल होने की शिकायत हो या सड़क खराब होने की—सब पर त्वरित एक्शन होता है।

सोशल मीडिया पर भी नजर

टीना डाबी की ये पहल सिर्फ WhatsApp तक सीमित नहीं है। जिला प्रशासन के X (Twitter) और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स भी सक्रिय हैं। कोई भी व्यक्ति अगर किसी समस्या को टैग करता है, तो उसकी भी सुनवाई होती है। ये पहल डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का सही इस्तेमाल करने की एक मिसाल बन गई है।

टीना डाबी खुद इस पूरे सिस्टम की मॉनिटरिंग करती हैं। उनका कहना है, “हमारा मकसद है कि जनता को अधिक से अधिक राहत दी जा सके। हर महीने जनसुनवाई तो होती ही है, लेकिन हमने ये नया तरीका अपनाया है जिससे मीडिया में आई खबरों पर भी तुरंत एक्शन लिया जा सके।”

बाड़मेर जैसे बड़े और भौगोलिक रूप से फैले जिले में, यह सिस्टम एक तरह से रिमोट कंट्रोल की तरह काम करता है, जिसमें हर कोने की खबर तत्काल सामने आ जाती है और अफसरों को फौरन काम में लगना पड़ता है। इस पहल से बाड़मेर की आम जनता को काफी फायदा हो रहा है। समस्याएं अब महीनों नहीं, बल्कि घंटों या दिनों में सुलझ रही हैं। टीना डाबी की यह पहल न सिर्फ तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही का नया मॉडल भी पेश कर रही है।