कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री चिन्मयानंद मामले में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर रविवार (29 सितंबर) को हमले करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा नेता के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज नहीं किया गया है और प्रशासन पूर्व केन्द्रीय मंत्री को ‘बचा’ रहा है।
शाहजहांपुर के अधिकारी चिन्मयानंद की आरती करते थे: गौरतलब है कि कानून की एक छात्रा ने चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाया था। बाद में 23 वर्षीय छात्रा को पांच करोड़ रुपये मांगने के आरोप में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था। छात्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा है कि महज एक साल पहले शाहजहांपुर के कई प्रशासनिक अधिकारी चिन्मयानंद की आरती उतारते दिखते थे। अधिकारियों का चिन्मयानंद के प्रति प्यार अक्सर अखबारों में सामने आता रहा है।
पीड़िता के आपबीती सुनाने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं: कांग्रेस महासचिव ने आगे ट्वीट में लिखा कि बलात्कार पीड़िता द्वारा पूरी आपबीती कहने के बावजूद बलात्कार का मुकदमा दर्ज नहीं हुआ, यह कैसे होता ? जब पूरा महकमा गले लगाकर उनका बचाव कर रहा था। चिन्मयानंद फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (सी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दुष्कर्म पीड़ित छात्रा ने जेल से सीजेएम कोर्ट को लिखा पत्र: हालाकि स्वामी चिन्मयानंद से फिरौती मांगे जाने के मामले में आरोपी दुष्कर्म पीड़ित छात्रा ने जेल से वकील के माध्यम से सीजेएम की कोर्ट को भेजे गए पत्र में एसआईटी की जांच पर सवाल उठाए हैं। उसने कहा है कि एसआईटी ने उसके दुष्कर्म मामले की जांच पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया है।
एसआईटी मुझे फंसाने का काम कर रही है: मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, छात्रा ने कोर्ट को भेजे गए पत्र में कहा है कि उसने दिल्ली में पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि स्वामी चिन्मयानंद ने उसके साथ दुष्कर्म किया। दिल्ली पुलिस ने उसकी दी गई तहरीर को एसआईटी को सौंपा। एसआईटी ने उसकी दुष्कर्म वाली तहरीर के आधार पर जांच नहीं कर रही है और कहानी को इधर-उधर मोड़ते हुए मुझे फंसाने का काम कर रही है।