मणिपुर की जीवनरेखा दशकों से सिसकने पर मजबूर है। जीवनरेखा यानी इस सुदूर पर्वतीय राज्य को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली दो सड़कें नेशनल हाइवे-39 और 53। इन दोनों को मणिपुर की जीवनरेखा कहा जाता है। खाने-पीने से लेकर रोजमर्रा की जरूरत की तमाम वस्तुएं इन सड़कों से ही सूबे में पहुंचती हैं। अक्सर होने वाली नाकेबंदी के दबाव में यह जीवनरेखा लगातार कमजोर होती जा रही है। अब एक बार फिर बीते साल एक नवंबर से ये दोनों आर्थिक नाकेबंदी की मार झेल रही हैं।
मुद्दा चाहे कोई भी हो, तमाम संगठन अक्सर इन सड़कों पर वाहनों की आवाजाही रोक कर उसे ठप कर देते हैं। असम की राजधानी गुवाहाटी से राजधानी इंफल के बीच 222 किलोमीटर लंबी नेशनल हाइवे-53 ही वह सड़क है जिससे होकर देश के दूसरे राज्यों से आवश्यक वस्तुएं मणिपुर में पहुंचती हैं। दूसरे राज्यों से आने वाले ट्रक चालक भी यहां आने के लिए नेशनल हाइवे 39 की बजाय इसी का इस्तेमाल करते हैं। इसकी वजह है कि नेशनल हाइवे-39 से गुजरने के लिए उनको नगा उग्रवादी संगठन एनएससीएन को कर देना पड़ता है। वह सड़क नगा-बहुल इलाकों से गुजरती है, लेकिन नेशनल हाइवे-53 पर ऐसी कोई समस्या नहीं है। बावजूद इसके यह सड़क बेहद खस्ताहाल है। गुवाहाटी से इंफल के बीच इस सड़क से सफर करने वाले विजय कुमार कहते हैं कि नेशनल हाइवे-53 का इस्तेमाल तो सब करते हैं, लेकिन उस पर ध्यान कोई नहीं देता। यह सर्पीली सड़क प्राकृतिक सौंदर्य के मामले में यूरोप की सड़कों को भी मात कर सकती है। इंफल से सौ किलोमीटर तक तो सड़क ठीक है, लेकिन फिर जिरीबाम तक यह काफी दुर्गम है। उसके आगे तो सड़क पत्थरों की पगडंडी ही नजर आती है।
बीते विधानसभा चुनावों में ट्रांसपोर्टर यूनियन ने राजधानी में प्रदर्शन कर तमाम राजनीतिक दलों से नेशनल हाइवे-53 के विकास को अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने की मांग उठाई थी। आल मणिपुर रोड ट्रांसपोर्ट, ड्राइवर्स एंड मोटर वर्कर्स एसोसिएशन के महासचिव एच। कोलामणि सिंह कहते हैं कि मणिपुर के संकट के दौरान नेशनल हाइवे-53 ही उसकी जीवनरेखा के तौर पर उभरता है, लेकिन इस सड़क की हालत बेहद खराब है। बीते दिनों इस सड़क की सौ दिनों से ज्यादा लंबी चली नाकेबंदी के बाद अब तमाम राजनीतिक दलों को इसकी अहमियत का अहसास हो गया है। मणिपुर ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के महासचिव वाई. लोकेश्वर सिंह कहते हैं कि नेशनल हाइवे-39 पर एनएससीएन समर्थकों को कर चुकाते हम तंग आ चुके हैं, लेकिन इस सड़क पर ऐसी कोई समस्या नहीं है।

