उत्तराखंड का एकमात्र कुंभ क्षेत्र हरिद्वार का अन्तरराज्यीय बस अड्डा भाजपा और राज्य सरकार के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस, वामपंथी दल और हरिद्वार का व्यापारी वर्ग भाजपा और राज्य सरकार के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाए हुए है। विपक्षी दल इस मामले में उत्तराखंड सरकार के शहरी विकास मंत्री और हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक तथा हरिद्वार नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग को निशाना बना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के खिलाफ मदन कौशिक का रवैया बहुत ज्यादा आक्रामक है। कांग्रेस नेताओं की घेराबंदी करते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने आरोप लगाया कि पिछले पांच सालों में राज्य में कांग्रेस की सरकार रही और उसने हरिद्वार के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। हरिद्वार का जिस तरह से चारों ओर विस्तार हो रहा है उसी को देखते हुए योजनाएं बनाई जा रही हैं। हरिद्वार का बस अड्डा कहां बने इसे लेकर राज्य सरकार के स्तर पर कोई निर्णय अभी नहीं लिया गया है। नगर निगम हरिद्वार और हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण स्वायत्तशासी संस्थाएं हैं उनको नगर हित में कोई भी फैसला लेने का अधिकार है उन्होंने बस अड्डे के बारे में कोई फैसला लिया है तो वह शहर के विकास और हित के लिए ही होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हरिद्वार के विकास के बारे में कोई बोलने का अधिकार नहीं है। राजनीतिक षड्यंत्र के तहत यह मुद्दा विपक्षी दलों द्वारा हरिद्वार के विकास को अवरुद्ध करने के लिए उठाया जा रहा है। कांग्रेस के नेता ही यह बताएं कि हरिद्वार का बस अड्डा कहां बनना चाहिए।

वहीं दूसरी ओर भाजपा और हरिद्वार के विधायक शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और हरिद्वार नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार का कहना है कि इन दोनों के चहेतों ने हरिद्वार से 10 किलोमीटर दूर सराय गांव में जमीन खरीद रखी है। जमीन के दाम बढ़ाने की नीयत से हरिद्वार शहर में बीचोंबीच बने बस अड्डे को वे एक कोने में ले जाना चाहते हैं। हरिद्वार के विकास से इस सराय में प्रस्तावित बस अड्डे का कोई लेना देना नहीं है। हरिद्वार में आने वाले तीथर्यात्रियों और हरिद्वार की जनता की तकलीफों से राज्य सरकार के मंत्री कौशिक को कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार हरिद्वार के धार्मिक स्वरूप को बिगाड़ना चाहती है। हरिद्वार में शराब और मांस की बिक्री पर पांबदी है जबकि हरिद्वार का बस अड्डा जिस सराय गांव में स्थानांतरित किया जा रहा है वहां शराब और मांस की बिक्री पर कोई पांबदी नहीं है। वतर्मान में रेलवे स्टेशन हरिद्वार के पास मौजूद बस अड्डे से हरकी पौड़ी की दूरी केवल 2 किलोमीटर है जबकि सराय से हरकी पौड़ी की दूरी 10 किलोमीटर से ज्यादा है। इससे बस से हरिद्वार आने वाले तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

उत्तराखंड सरकार के पूर्व दर्जाधारी मंत्री संजय पालीवाल का कहना है कि राज्य सरकार के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग को हरिद्वार के लोगों की मुसीबतों से कोई लेना देना नहीं है। वे अपने चहेतों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए बस अड्डे को सराय गांव में ले जाना चाहते है। भाजपा को आगामी अप्रैल में होने वाले चुनाव में इस मुद्दे को लेकर जनता को जबाव देना होगा। व्यापारी नेता वीरेन्द्र भारद्वाज का कहना है कि राज्य सरकार हरिद्वार के स्वरूप को बिगाड़ना चाहती है और उसे स्थानीय लोगों तथा तीथर्यात्रियों की सुख सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं है। सराय गांव में बस अड्डा बनाए जाने से हरिद्वार का व्यापार चौपट हो जाएगा। व्यापारियों ने नया बस अड्डा ऋषिकुल के मैदान पर बनाने की मांग की है। 2004 के अर्द्धकुंभ मेले के दौरान तब की नारायण दत्त तिवारी की कांग्रेस सरकार ने ऋषिकुल में बस अड्डा बनाने का फैसला लिया था परन्तु तब कांग्रेस के ताकतवर नेता रहे सतपाल महाराज के विरोध के कारण बस अड्डा नहीं बन पाया था।