कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि एक केंद्रीय दल ने तेलंगाना में सूखे की स्थिति का आकलन करने के बाद रिपोर्ट जमा की है। पर राहत कोष को जारी करने के बारे में अंतिम फैसला अगले हफ्ते लिया जाएगा। सूखा राहत कोष को जारी करने में देरी का मुद्दा श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के साथ एक बैठक में आया, जिन्होंने किसानों के हित में इस प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया। बैठक के बाद सिंह ने कहा कि एक केंद्रीय दल ने तेलंगाना में सूखे की स्थिति का आकलन किया है और हमारे पास एक रिपोर्ट सौंपी है। हम एक दो दिनों में गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे। मुझे विश्वास है कि उच्च स्तरीय समिति जनवरी के पहले हफ्ते में होने वाली बैठक में राहत कोष के बारे में कोई फैसला लेगी। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि राजग सरकार पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में सूखा प्रभावित राज्यों को अधिक राहत कोष दे रही है।

उन्होंने कहा कि हमने इस बार कर्नाटक के लिए 1540 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इस प्रदेश को इतनी राशि कभी नहीं मिली थी। इसी प्रकार से हमने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश को और अधिक धन दिया है। कृषि मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश के संदर्भ में एक केंद्रीय दल ने प्रदेश का दौरा किया है और सूखे की स्थिति का आकलन किया है। उसकी रिपोर्ट आना बाकी है। एक बार रिपोर्ट तैयार हो जाए तो हम इसे उच्च स्तरीय समिति के समक्ष रखेंगे।

तेलंगाना सरकार ने 10 जिलों में से सात में सूखा घोषित किया है। शुरू में उसने 2514 करोड़ रुपए की राहत की मांग के साथ ज्ञापन सौंपा था। बाद में 3000 करोड़ रुपए की एक अनुपूरक मांग भेजी। जबकि आंध्र प्रदेश ने 13 में से 10 जिलों में सूखा घोषित किया और 2000 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता की मांग की। इन दोनों राज्यों ने अपने ज्ञापन नवंबर अंत के दौरान जमा कराए।

तेलंगाना के रहने वाले दत्तात्रेय ने कहा कि कृषि मंत्री ने प्रदेश के लिए अधिक धन देने का आश्वासन दिया है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट एक-दो दिनों में भेजी जाएगी। हमने गृहमंत्री से भी फोन पर बात की और राहत पैकेज जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया।