लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव राजनीति में काफी सक्रियता दिखा रहे हैं। इसके चलते वह इन दिनों जनता दरबार भी लगा रहे हैं। लेकिन गुरुवार को इसी जनता दरबार के दौरान कुछ ऐसा हुआ, जो तेजप्रताप यादव अपने समर्थकों के साथ पटना के फुलवारीशरीफ थाने पहुंच गए और वहां हंगामा कर दिया। इस दौरान तेजप्रताप यादव के मामा साधु यादव भी अपने भांजे के समर्थन में थाने पहुंच गए। जिसके चलते फुलवारीशरीफ थाने में घंटेभर तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। खबर के अनुसार, तेजप्रताप यादव ने गुरुवार को पार्टी कार्यालय में जनता दरबार लगाया था। इसी जनता दरबार में फुलवारीशरीफ की निवासी महिला मंजू लता भी पहुंची।

तेजप्रताप यादव से गुहार लगाते हुए मंजू लता ने अपने जीजा पर अपनी बहन की हत्या का आरोप लगाया। मंजू लता ने बताया कि उसकी शिकायत के बावजूद फुलवारीशरीफ थाने की पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। बताया जा रहा है कि महिला की शिकायत पर तेज प्रताप यादव ने फुलवारीशरीफ थानाध्यक्ष मोहम्मद कैसर आलम के सरकारी मोबाइल नंबर पर फोन मिलाया। थानाध्यक्ष द्वारा फोन उठाते ही तेज प्रताप यादव ने जब अपना परिचय दिया तो उधर से जवाब मिला कि वह किसी तेजप्रताप को नहीं जानते और पूरी बात सुने बिना ही फोन काट दिया। थानाध्यक्ष के इस व्यवहार से तेजप्रताप यादव नाराज हो गए और तुरंत ही अपने समर्थकों के साथ फुलवारीशरीफ थाने पहुंच गए।

तेजप्रताप यादव और उनके समर्थकों ने थाने पहुंचते ही हंगामा शुरु कर दिया और धरने पर बैठ गए। इस दौरान तेजप्रताप यादव ने फोन कर अपने मामा साधु यादव को भी मौके पर बुला लिया। भांजे के साथ बदसलूकी की खबर पाकर साधु यादव भी अपने समर्थकों के साथ फुलवारीशरीफ थाने पहुंच गए। इसके बाद हंगामा कर रहे लोगों ने फुलवारीशरीफ थानाध्यक्ष मोहम्मद कैसर आलम को निलंबित करने की मांग करते हुए नारेबाजी शुरु कर दी। हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे डीएसपी रमाकांत प्रसाद मौके पर पहुंचे और तेजप्रताप यादव और साधु यादव को समझाने का प्रयास किया। करीब घंटेभर के प्रयास के बाद तेजप्रताप मुख्यमंत्री को थानाध्यक्ष के खिलाफ लिखित शिकायत देने की बात कहकर लौट गए।

इसी बीच फुलवारीशरीफ थानाध्यक्ष के कक्ष में घुसकर उनके खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करने और सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोप में तेजप्रताप यादव के खिलाफ भी स्टेशन डायरी में घटना अंकित की गई है। सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद इस मसले पर तेजप्रताप के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा सकती है।