आंध्र प्रदेश के एक स्कूल में स्कूल टीचर द्वारा 6 नाबालिग बच्चों को क्लास के सामने निर्वस्त्र खड़ा करने का मामला सामने आया है। जिसके बाद इस मुद्दे पर विवाद हो गया है और बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने स्कूल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस पूरे विरोध का असर भी देखने को मिला है और आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया गया है। बच्चों का निर्वस्त्र खड़ा करने की इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने और इसके खिलाफ लोगों की नाराजगी के चलते सरकार भी हरकत में आ गई है और सरकार ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है।
सोशल मीडिया पर चल रही वीडियो क्लिप में दिखाई दे रहा है कि 6 नाबालिग बच्चों के क्लास में लेट पहुंचने पर टीचर ने बच्चों को क्लास के सामने निर्वस्त्र खड़ा कर दिया। स्कूल की खिड़की से किसी व्यक्ति ने इस घटना का वीडियो शूट कर लिया और बाद में इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया। जिससे बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने स्कूल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया। मामला बढ़ने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने एक अधिकारी को घटना की जांच के लिए स्कूल भेजा। जहां घटना की पुष्टि होने के बाद आरोपी टीचर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यह घटना आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले की 4 दिन पहले की बतायी जा रही है। वहीं बच्चों के साथ ‘अमानवीय व्यवहार’ करने के आरोप में राज्य सरकार ने तुरंत प्रभाव से स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है।
बाल अधिकार कार्यकर्ता अच्युत राव ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में इसे ‘जघन्य अपराध’ बताया और कहा कि “इस तरह की घटनाओं से बच्चों की मानसिकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्हें इस सदमे से निकलने के लिए काउंसलिंग की जरुरत पड़ती है।” इस मामले में जुवैनाइल जस्टिस एक्ट और भारतीय दंड संहिता के सुसंगत धाराओं के तहत स्कूल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि इससे पहले इसी महीने हरियाणा के गुरुग्राम से भी ऐसी ही एक घटना सामने आयी थी। जहां एक स्कूली टीचर ने क्लास में बच्चों के शोर करने से नाराज होकर 2 बच्चों के मुंह पर टेप चिपका दी थी। यह घटना स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। जिसके सामने आने पर लोगों ने नाराजगी जतायी थी। जिसके बाद आरोपी स्कूल टीचर को नौकरी से हटा दिया गया था।