आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने के मामले को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और TDP के बीच तल्‍खी बढ़ गई है। ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर होने और NDA से गठबंधन जारी रखने पर TDP के वरिष्‍ठ नेता जेसी दिवाकर रेड्डी ने महत्‍वपूर्ण बयान दिया है। उन्‍होंने कहा, ‘तलाक के बाद भी माता-पिता बच्‍चों की भलाई के लिए मिल-बैठ कर बात करते हैं। वे अपने बच्‍चों के बारे में विचार-विमर्श करते हैं। इस मामले (NDA और TDP) में भी ऐसा ही है। आंध्र प्रदेश की जनता चंद्रबाबू नायडू और नरेंद्र मोदी के बच्‍चे हैं।’ आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद राज्‍य के राजस्‍व में भारी कमी आई है। लिहाजा, आंध्र के मुख्‍यमंत्री चंद्रबाबू नायडू लगातार राज्‍य को विशेष दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। मोदी सरकार की ओर से इस दिशा में कोई पहल न होता देख चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के कोटे से कैबिनेट में शामिल दोनों मंत्रियों ने त्‍यागपत्र दे दिया। हालांकि, TDP ने फिलहाल NDA में बने रहने का फैसला किया है। बता दें कि तेदेपा के मंत्रियों के इस्‍तीफा देने से पहले पीएम मोदी ने 8 मार्च को खुद आंध्र के सीएम से फोन पर बात की थी। उन्‍होंने बातचीत के जरिये इस मसले को सुलझाने की गुंजाइश के बारे में भी पूछा था। चंद्रबाबू नायडू ने रज्‍य को विशेष दर्जा मिलने की मांग को लेकर लंबे समय तक इंतजार करने की बात कही थी।

विशेष दर्जा नहीं ज्‍यादा फंड देने को तैयार है केंद्र: केंद्र सरकार वित्‍त आयोग की सिफारिशों का हवाला देकर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्‍य का दर्जा देने में असमर्थता जताई है। हालांकि, मोदी सरकार ने केंद्रीय मदद से चल रही परियोजनाओं के लिए 90 फीसद तक धन मुहैया कराने का आश्‍वासन दिया था, लेकिन आंध्र के मुख्‍यमंत्री चंद्रबाबू नायडू विशेष राज्‍य के दर्जे की मांग पर अड़े हैं। चौदहवें वित्‍त आयोग ने पूर्वोत्‍तर और हिमालयन स्‍टेट को ही विशेष राज्‍य का दर्जा देने की सिफारिश की है। तेलंगाना के अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश के राजस्‍व में काफी कमी आई है। इसे देखते हुए कई विकास परियोजनाओं को अंजाम तक पहुंचाना राज्‍य सरकार के लिए बहुत मुश्किल हो रहा है। दूसरी तरफ, आंध्र को विशेष राज्‍य का दर्जा देने के मसले पर जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस भी हमलावर है। ऐसे में आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए चंद्रबाबू की राजनीतिक मुश्किलें बढ़ गई हैं।