भाजपा के आरोप कि असम की कांग्रेस सरकार घुसपैठियों का संरक्षण कर रही है, पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने बुधवार (6 अप्रैल) को आश्चर्य जताया कि केन्द्र की राजग सरकार ने उन्हें कोई कारण बताओ नोटिस क्यों नहीं जारी किया। गोगोई ने सवाल किया कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने पिछले दो वर्षों में उनसे घुसपैठ के मुद्दे पर चर्चा क्यों नहीं की और सीमा पार से अवैध आव्रजन को अनुमति देने तथा घुसपैठियों को बचाने के मामले में कारण बताओ नोटिस क्यों नहीं भेजा।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मामला इतना गंभीर है, फिर सिर्फ चुनाव के वक्त इसे बाहर क्यों लाना है? यह आपके हिमंत बिस्वास शर्मा, जो मेरी सरकार में असम समझौता क्रियान्वयन मंत्री थे, कि जिम्मेदारी थी कि वह सभी अवैध अव्रजकों को वापस भेंगे। यदि असम में इतने विदेशी हैं तो, बतौर मंत्री हिमंत ने उन्हें संरक्षण क्यों दिया?’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने किसी बांग्लादेशी को शरण नहीं दिया है। मुझे उनके वोटों की जरूरत नहीं है। भारतीय नागरिकों की रक्षा करना मेरा संवैधानिक कर्तव्य है। वह मैं था जिसने अवैध आव्रजकों की पहचान करने के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन में सुधार किया।’’

गोगोई ने दावा किया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर कंटीले तारों का बाड़ा लगाने और घुसपैठ रोकने के लिए नदी पुलिस शुरू करना उनके 15 वर्षों के कार्यकाल में हुआ, ना कि तत्कालीन गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने कराया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘‘अच्छे दिन’’ का राग अलापना बंद कर दिया है क्योंकि वह अच्छे दिन लाने के लिए कुछ भी करने में असफल रहे हैं।