देश का दक्षिणी राज्य तमिलनाडु इन दिनों पानी की भारी कमी से जूझ रहा है। एक राज्य सभा सांसद ने बुधवार (26 जून, 2019) को पानी की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रदेश की राजधानी चेन्नई में सोना पानी से सस्ता है। देश में जल संकट पर उच्च सदन (राज्य सभा) में एक छोटी अवधि की बहस के दौरान सीपीआईएम के टीके रंगराजन ने कहा, ‘चेन्नई पहला ऐसा भारतीय शहर है जो सूख गया है। केंद्रीय जल आयोग ने इस साल 13 जून तक तमिलनाडु में 41 फीसदी तक बारिश की कमी दर्ज की है।
रंगराजन ने आगे कहा, ‘आज चेन्नई की अधिकतर आबादी वाटर टैंकर, नगरपालिका और पीने के पानी की निजी सप्लाई पर आश्रित है। एक प्राइवेट वाटर टैंकर की कीमत एक ग्राम सोने से ज्यादा पड़ती है। अब पानी की तुलना में चेन्नई में सोना सस्ता है और यह सच है।’ रंगराजन ने दावा किया कि आईटी सेक्टर के कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है। प्रदेश के कई रेस्टोरेंट बंद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों पर भी चेन्नई को बचाने की जिम्मेदारी है।
वहीं जलसंकट पर अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि 2024 तक प्रत्येक घर को पाइपलाइन की पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार जलसंकट से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक सहित सभी उपायों को अपनाने के लिए कृतसंकल्प है। शेखावत ने राज्यसभा में जलसंकट पर अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुये सदन के सभी सदस्यों से पानी की उपलब्धता बढ़ाने से जुड़ी योजनाओं को सांसद निधि से बढ़ावा देने की अपील की।
उन्होंने आप के सदस्य संजय सिंह को उच्च सदन में इस मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा का प्रस्ताव पेश करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार ने इस आसन्न चुनौती की गंभीरता को समझते हुए ही जलशक्ति मंत्रालय का अलग से गठन किया है ताकि पानी के विषय पर समग्रता से व्यापक नीति बना कर उसे लागू किया जाए। शेखावत ने कहा, ‘‘हम 2024 तक हर घर को पेयजल पहुंचाने का प्रयास करेंगे।’’ उन्होंने इस काम में सभी पक्षों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि देश में पेयजल कम नहीं हुआ सिर्फ उचित जल प्रबंधन के अभाव और आबादी बढ़ते बोझ ने इसे गंभीर चुनौती बना दिया है। (भाषा इनपुट)
