सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, पति जावेद आनंद और दो गैर सरकारी संगठनों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गुजरात सरकार से जवाब मांगा। सीतलवाड़ और अन्य ने अमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा द्वारा अपने खाते जब्त किए जाने को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति यूयू ललित की एक पीठ ने राज्य और अतिरिक्त महान्यायवादी तुषार मेहता को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में उनसे जवाब देने को कहा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 सित७बर तय की है।
तीस्ता, पति और दो गैर सरकारी संगठन -सबरंग ट्रस्ट और सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर गुजरात हाई कोर्ट के सात अक्तूबर के फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने उनके निजी बैंक खाते से रोक हटाने से इनकार कर दिया था। अपराध शाखा द्वारा गुलबर्ग सोसायटी को 2002 के दंगा संग्रहालय में बदलने के लिए जुटाई गई राशि में 1.51 करोड़ रुपए के घोटाले में शीतलवाड़ व अन्य के खिलाफ जांच शुरू करने के तुरंत बाद अमदाबाद पुलिस ने यह कदम उठाया था। हाई कोर्ट ने इस बारे में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था और कहा था कि गुलबर्ग सोसायटी कोष धोखाधड़ी मामले में जांच महत्त्वपूर्ण मोड़ पर है।