Interim Bail to Teesta Setalwad: सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने एक्टिविस्ट को बड़ी राहत देते हुए उनको अंतरिम जमानत की मंजूरी दे दी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु भट की बेंच ने तीस्ता की जमानत अर्जी पर सुनवाई की।

2002 के गुजरात दंगों में लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के आरोप में तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किया गया था। तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा दायर जमानत की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली। साथ ही कहा कि उन्हें अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा। जब तक रेगुलर बेल नहीं मिलती, तीस्ता विदेश नहीं जा सकेंगी। कोर्ट ने सीतलवाड़ को गुजरात हाई कोर्ट में रेगुलर बेल की अर्जी पर फैसला आने तक अपना पासपोर्ट निचली अदालत के पास जमा कराने का निर्देश दिया।

सामाजिक कार्यकर्ता को इस मामले में जांच एजेंसियों को अपना सहयोग देना होगा। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि वे तीस्ता को जमानत पर रिहा करने का आदेश नहीं दे रहे हैं, बल्कि हाई कोर्ट द्वारा रेगुलर बेल पर फैसला आने तक उन्हें अंतरिम जमानत दी जा रही है। तीस्ता सीतलवाड़ का मामला 2002 के गुजरात दंगों से जुड़ा है।

सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले भी की थी अहम टिप्पणी

इसके पहले, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को दो महीने से जमानत नहीं दिए जाने पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट से भी सवाल किए। कोर्ट ने कहा था कि तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत नहीं देने का कोई कारण ही नहीं है। एक महिला के साथ ऐसा व्यवहार कैसे किया जा सकता है? कोर्ट ने कहा कि उन पर कोई UAPA जैसे आरोप नहीं हैं जिनमें जमानत न दी जाए। ये साधारण सीआरपीसी, आईपीसी की धाराएं हैं। ऐसे में यह महिला राहत की हकदार है। हालांकि, कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान तीस्ता को जमानत नहीं दी थी।