उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 14 स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षकों ने अपने पदों से इस्तीफ़ा दे दिया। इस्तीफे की वजह उन्होंने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कथित उत्पीड़न और दुर्व्यवहार बताया है। एक दिन पहले उन्नाव जिला प्रशासन ने फतेहपुर चौरासी और असोहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी अधिकारियों को हटा दिया, जिसके बाद यह मामला सामने आया है । वही जिला प्रशासन ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा किया कि दोनों अधीक्षकों को नीति के अनुसार स्थानांतरित किया गया था।

प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिला महासचिव डॉ संजीव कुमार ने बताया कि हम सब पिछले साल से चौबीसों घंटे काम कर रहे है उसके बावजूद हमें नियमित रूप से परेशान किया जा रहा है और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जेल भेजे जाने की धमकी भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमपर झूठा आरोप लगाया जा रहा है की हम अपना काम जिम्मेदारीपूर्वक नहीं कर रहे है। डॉ संजीव कुमार गंज मुरादाबाद के स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक भी हैं। वो भी उन 14 लोगों में है, जिन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है।

डॉ कुमार ने दावा किया कि असोहा और फतेहपुर चौरासी केंद्रों के अधीक्षकों को बचाव करने का मौका दिए बिना हटा देने का फरमान जारी कर दिया गया, जबकि दोनों स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक ईमानदारी के साथ अपना काम कर रहे थे। डॉ कुमार ने यह भी बताया कि फतेहपुर चौरासी के अधीक्षक डॉ प्रेम चंद कोरोना संक्रमित हैं। प्रशासन ने उनसे बिना किसी स्पष्टीकरण और प्रतिक्रिया मांगे यह करवाई की है। उन्होंने कहा कि डीएम के साथ बैठक में इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

उन्नाव के सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि अधीक्षक प्रशासन से परेशान थे । इस तरह की हरकत करने से पहले उन्हें अपनी समस्या मुझसे साझा करनी चाहिए थी। मुझे आज शाम को इस मामले की जानकारी हुई है।

सीएमओ ने दावा किया कि कई स्तरों पर सभी के काम की निगरानी की जाती है, कभी कभी सख्ती का के साथ काम करवाना पड़ता है , लेकिन कोई भी किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करता है। स्वास्थ्य केंद्रों के दो प्रभारियों को हटाने के मामले में उन्होंने कहा कि नीति के अनुसार ही स्थानांतरित किया गया।