माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और भाई अशरफ की हत्या कर चर्चा में आए तीनों शूटर्स सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण से पुलिस पूछताछ कर रही है। इन शूटर्स में से एक सनी सिंह हमीरपुर का रहने वाला है। सनी का गांव कौरारा हमीरपुर शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर है। बीते शनिवार को जब अतीक अहमद की हत्या हुई, तब कौरारा के गांव वालों ने उसे एक लंबे अर्से बाद देखा,वो भी टीवी पर।
सनी के भाई पिंटू का कहना है कि जब वह महज 13 साल का था, तभी घर छोड़कर चला गया था और उसने उसे तबसे ही नहीं देखा है। सनी सिंह को गांव के लोग ‘पुराने’ के नाम से भी बुलाते थे। उसके खिलाफ पुलिस रिकार्ड में पहला मामला मार्च 2016 का है। यह एक चेन स्नैचिंग केस है, उस समय वह बालिग भी नहीं हुआ था। इसके बाद उसने कई अन्य वारदातों को अंजाम दिया और कई बार गिरफ्तार भी हुआ। उसके खिलाफ आखिरी FIR सितंबर 2019 में दर्ज की गई थी, इसके बाद आशंका जताई जाती है कि वह कहीं और चला गया।
‘पुराने’ पर आरोप है कि उसने 29 मार्च 2016 को तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर बाइक पर जा रही एक महिला और उसके बेटे को देशी कट्टा दिखाकर डराया, उनके साथ मारपीट की और फिर उनकी गोल्ड चेन के अलावा 130 रुपये छीन लिए। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया, जब अगले दिन ‘पुराने’ को ट्रैक करने के बाद पुलिस उसको गिरफ्तार करने गई तो उसने गोली चला दी। इसके बाद सनी पर हत्या का प्रयास करने और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
इसके बाद ज्यादा समय नहीं लगा, जब सनी सिंह को ‘आदतन अपराधी’ घोषित कर दिया गया, उसपर गैंगस्टर एक्ट लगा दिया गया। उसपर महबूब, उसके साथी शिवम गुप्ता उर्फ आइटम और संदीप उर्फ नीटू गैंग के साथ काम करने की बात सामने आई।
पुलिस रिकार्ड के अनुसार, 2016 के अंत तक ‘पुराने’ ने गांजा स्मगलिंग करना शुरू कर दिया था।, उसके 2016 से 2019 के बीच कई बार गिरफ्तार किया गया। इसी दौरान उसे चार बार देसी कट्टा और बारूद के अवैध कब्जे के लिए चार बार और गिरफ्तार किया गया था। सनी पर पुलिस कर्मियों पर गोली चलाने के लिए हत्या के प्रयास के दो मामले भी दर्ज हैं।
जेल में आया सुंदर भाटी के नजदीक
इन सभी मामलों में सनी ने करीब चार साल जेल में गुजारे। साल 2019 में वह तीन बार हमीरपुर जेल गया, जहां उसकी मुलाकात यूपी वेस्ट के गैंगस्टर सुंदर भाटी से हुई। हमीरपुर की एसपी दीक्षा शर्मा ने बताया कि सनी साल 2019 में फरवरी, जुलाई और सुतंबर में जेल गया। सूत्रों की मानें तो इस दौरान पुराने की सुंदर भाटी से नजदीकियां बढ़ गईं।
यूपी पुलिस के सीनियर अधिकारी की मानें तो पुराने सुंदर भाटी (Sunder Bhati) के लिए एक फायदेमंद रिसोर्स साबित हुआ। वह उसके लिए जेल में मोबाइल या अन्य प्रतिबंधित सामान की व्यवस्था कराने लगा।
एसपी दीक्षा शर्मा ने बताया कि जेल में रहने के दौरान ‘पुराने’ सुंदर भाटी के इतना करीब पहुंच गया कि अन्य कैदी उसे ‘छोटा भाटी’ कहने लगे। उन्होंने बताया कि जेल में पांच महीने बीतने के बाद उसकी सुंदर भाटी से बढ़ती निकटता की वजह से उसे कानपुर जेल शिफ्ट करने का फैसला लिया गया।
हालांकि पुलिस सूत्रों ने इन अटकलों का खंडन किया कि पुराने ने लवलेश तिवारी से बांदा जेल में मुलाकात की थी. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘पुराने’ को कभी भी बांदा जेल में बंद नहीं किया गया था तो ऐसा सवाल ही नहीं उठता। पुलिस अधिकारी ने बताया कि साल 2019 के बाद सनी के खिलाफ हमीरपुर में कोई FIR नहीं है। इसका सीधा सा मतलब है कि वह इस इलाके में नहीं था।
सनी के पिता थे दिहाड़ी मजदूर, शराब की थी लत
सनी के पिताजी जगत सिंह एक दिहाड़ी मजदूर थे। वह ज्यादा शराब का सेवन करते थे। सनी के पड़ोसियों की मानें तो उसके पैदा होने से पहले ही जगत सिंह की मौत हो गई थी। गांव के एक बुजर्ग रामाश्रय दुबे ने बताया कि तीन बेटों और एक बेटी के साथ, ‘पुराने’ की मां ने जीवन-यापन करने के लिए छोटे-मोटे काम किए। उन्होंने खेतिहर मजदूर के रूप में काम किया, शादियों में पूड़ियां बनाईं लेकिन बावजूद इसके वे मुश्किल से ही गुज़ारा कर पाती थीं। उन्होंने बताया कि सनी की मान ने बच्चों से भी काम करवाया, उनका कोई बेटा स्कूल नहीं गया।
पुराने के सबसे बड़े भाई मंगल के खिलाफ भी 2007-08 में ट्रक लूटने के आरोप में केस दर्ज था। वह भी एक शराबी खा। सूत्रों की मानें तो मौत से दो साल पहले तक वह जेल से अंदर-बाहर आता जाता रहता था। रामाश्रय दुबे ने बताया कि वह शराब पीने के लिए अपनी मां से पैसे भी छीन लेता था। ‘पुराने’ आवार हो गया था, वह महज 10 की उम्र में जुआं खेलने लगा। इसके बाद इनकी मां ने बेटों को घर से निकाल दिया और बेटी के साथ खुद भी घर छोड़ दिया।
मां के जाने के बाद भाई पिंटू ने रखा ख्याल
एक पुलिसकर्मी ने यह भी बताया कि जगत सिंह की पत्नी के घर छोड़कर जाने की एक वजह यह भी थी कि उसके बेटे मंगल ने एक लड़की को परेशान कर दिया। सनी की बहन की अब शादी हो चुकी है, वह अपने परिवार के साथ पास के ही एक शहर में रहती है।
मां के जाने के बाद पिंटू सिंह ने अपने भाई सनी का ध्यान रखना शुरू किया। पिंटू की उम्र उस समय महज 15 साल थी और सनी 11 साल का था। पिंटू ने बताया, “क्योंकि मैंने पांच साल की उम्र से ही छोटे ढाबों में काम किया था इसलिए मुझे खाना बनाना आता था। मैंने गांव के बाहर मेन रोड पर एक चाय की दुकान खोल ली थी।” पिंटू सिंह का घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाया गया है।
पिंटू ने बताया कि वह जानता था कि ‘पुराने’ भटक रहा था। उसने उसे वापस ट्रैक पर लाने की कोशिश भी की। उसने कहा, “मैं उसे अपने टी-स्टॉल पर भी लेकर गया लेकिन वो अक्सर वहां से आ जाया करता था। एक दिन उसने स्टॉल से सारे पैसे चुरा लिए। इसलिए मैंने उसकी पिटाई की। कुछ दिनों बाद उसने घर छोड़ दिया, फिर मैंने उससे कभी मुलाकात नहीं की।”
गांव के एक अन्य शख्स ने बताया कि 13 साल का लड़का कहां गया किसी को खबर नहीं थी। वह अपने बहन की शादी में भी नहीं आया। उन्होंने बताया, “मैंने उसे कुछ साल पहले सिर्फ एक बार गांव में देखा था। उसने मेरे पैर छुए, मैंने उनसे पूछा कि वह इतने साल कहां था तो उसने कहा- कभी यहां, कभी वहां और वो फिर गायब हो गया।”
एक पुलिस अधिकारी ने बाताय कि ‘पुराने’ के पास गांव लौटने की कोई वजह नहीं थी। उन्होंने बताया कि गांव में सनी के पास कुछ भी नहीं था। उनके परिवार के पास कभी तीन बीघा खेती हुआ करती थ। जगत सिंह ने उसमें से दो बीघा बेच दी थी, इसके बाद सनी की मां ने बाकी बची हुई जमीन अपने बेटों के नाम करवा दी थी, उस समय तक पुराने पैदा नहीं हुआ था इसलिए उसके नाम कुछ भी नहीं है।